
CG News: वर्तमान में साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती हो गई। इससे निपटने पुलिस विभाग अब अलग से आईटी कैडर बना रहा है। आईटी कैडर में आईटी प्रोफेशनल्स, कंप्यूटर एजुकेशन वाले जवानों की भर्ती की जाएगी। इससे विभाग को आईटी और कंप्यूटर में और अधिक दक्ष स्टॉफ मिलेंगे। बल की कमी भी दूर होगी। इससे साइबर क्राइम की जांच और कार्रवाई में काफी मदद मिलेगी। वर्तमान में पुलिस बल में अलग-अलग पदों में भर्ती हुए जवानों और अधिकारियों से यह काम लिया जाता है।
इससे पहले उन्हें आईटी और कंप्यूटर से जुड़ी कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है।इसके बाद वे साइबर क्राइम से जुड़े मामलों पर काम करते हैं। जरूरत पड़ने पर उनसे थानों का काम भी लिया जाता है। फिलहाल पुलिस मुख्यालय के अधिकारी आईडी कैडर के लिए नियम-प्रावधान आदि बना रहे हैं। जल्द ही इसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।
वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच-पड़ताल के लिए अलग-अलग शाखाएं हैं। जैसे साइबर सेल, एसीसीयू, साइबर क्राइम आदि हैं। आईटी कैडर बनने के बाद साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच करने वाली सभी शाखाओं को इसी में मर्ज किया जाएगा। आईटी कैडर के लिए भर्ती, शैक्षणिक योग्यता, प्रमोशन आदि से संबंधित नियम बनाए जा रहे हैं।
रायपुर में साइबर क्राइम से जुड़ी रोज 5 से 10 शिकायतें थानों में पहुंच रही है। दूसरे जिलों की भी लगभग यही स्थिति है। वर्तमान में पूरे प्रदेश में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच के लिए करीब 300 पुलिस जवान और अधिकारी ही हैं। बल की कमी के चलते कई शिकायतों की जांच भी लंबित हो जाती है।
पूरे राज्य में जुलाई 2024 तक साइबर क्राइम के 16 हजार से अधिक मामले आ चुके हैं। साल के अंत तक इसके आंकड़े और बढ़ेंगे। साइबर क्राइम के 80 फीसदी मामले ऑनलाइन ठगी के होते हैं। इसमें राशि को बरामद करने और आरोपी को पकड़ने में पुलिस को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है।
Updated on:
09 Sept 2024 01:08 pm
Published on:
09 Sept 2024 09:31 am
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