
पीएनबी में खुले 100 म्यूल खाते (Photo source- Patrika)
अजय रघुवंशी/CG Cyber Fraud: छत्तीसगढ़ में साइबर फ्रॉड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। बस्तर से लेकर रायपुर, दुर्ग, भिलाई और बिलासपुर तक फैले नेटवर्क में टेलीकॉम कंपनियों के एजेंट भी पकड़े गए। बीते एक साल में दूरसंचार विभाग की शिकायतों के आधार पर करीब एक लाख संदिग्ध मोबाइल नंबर बंद किए गए। पुलिस ने धोखाधड़ी करने वालों को गिरफ्तार कर फर्जी सिम कार्ड के इस्तेमाल को रोका। ये कदम प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध के खिलाफ निर्णायक माना जा रहा है।
वहीं, पुलिस ने शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी करने वालों को गिरफ्तार भी किया है। यह कदम प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध के खिलाफ निर्णायक वार माना जा रहा है। दरअसल, लोगों को धोखा देकर उनके दस्तावेजों से सिम एक्टीवेट की गई और उससे फ्रॉड किया गया।
देशभर में सबसे ज्यादा एफआईआर छत्तीसगढ़ में हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और साइबर क्राइम की मदद से फर्जी सिम बेचने वालों के खिलाफ प्रदेशभर में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि फर्जी सिम कार्ड का उपयोग नक्सलियों ने भी किया है।
एफआईआर 82
गिरफ्तारियां 72
यहां ज्यादा FIR
दुर्ग 18
भिलाई 17
रायपुर 02
बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, राजनांदगांव, कवर्धा में भी।
1 चक्षु पोर्टल, साइबर क्राइम, वित्तीय धोखाधड़ी, संदिग्ध वाट्सऐप कॉल के खिलाफ रिपोर्ट करने की सुविधा देता है।
2 फ्रॉड कॉल के खिलाफ 30 दिन व वाणिज्यिक धोखाधड़ी के खिलाफ सात दिन के भीतर रिपोर्ट कर सकते हैं।
3 मोबाइल गुम होने या चोरी होने के बाद नंबरों को बंद करने की सुविधा।
4 स्वयं के नाम पर जारी मोबाइल नंबरों की कुल संख्या को जांच करने की सुविधा।
दूरसंचार विभाग के मुताबिक एमपी-सीजी सर्किल में छत्तीसगढ़ में एक लाख के करीब मोबाइल नंबरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
CG Cyber Fraud: डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट और साइबर क्राइम की मदद से राज्य में फ्रॉड कॉल और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफी कार्रवाई की गई है। 82 लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई है, जिसमें 72 गिरफ्तारियां हुई है। देशभर में सबसे ज्यादा एफआईआर छत्तीसगढ़ में की गई हैं: देवेंद्र द्विवेदी, उपमहानिदेशक, दूरसंचार विभाग, छत्तीसगढ़
शिकायतों के आधार पर फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले प्वाइंट ऑफ सेल के खिलाफ प्रदेशभर में ऑपरेशन जारी है। साइबर क्राइम व पुलिस विभाग की मदद से प्राप्त शिकायतों को डिकोड किया जा रहा है। इस ऑपरेशन में आगे भी सफलता मिलेगी और ऐसे लोगों पर एक्शन लिया जाएगा: नीरेश शर्मा, निदेशक, दूरंसचार विभाग, छत्तीसगढ़
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए अब संदिग्ध नंबरों को बैंकों से ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी चल रही है। वित्त मंत्रालय व आरबीआई ने फाइनेंशियल फ्री रिस्क इंडीकेटर (एफएफआरआई) के तहत बैंकों से कहा है कि दूरसंचार विभाग व साइबर क्राइम विभाग से प्राप्त ब्लैक लिस्टेड नंबरों से कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जाए।
Published on:
17 Sept 2025 12:20 pm
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