
Cyber Fraud (फोटो सोर्स: एक्स)
CG Fraud News: राजधानी में साइबर ठगी के दो बड़े मामले सामने आए। ठगों ने करीब डेढ़ करोड़ की ऑनलाइन ठगी की। एक डिजिटल अरेस्ट का मामला है। दूसरा शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी का। डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती है, फिर भी एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर और उनकी शिक्षिका पत्नी ठगों के झांसे में आ गए। ठगों ने उन्हें मानव तस्करी अैार मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामले में उनके खिलाफ एफआईआर होने का भय दिखाकर करीब 88 लाख रुपए ऑनलाइन ठग लिए।
इसी तरह देवेंद्र नगर इलाके में शेयर ट्रेडिंग से भारी मुनाफा दिलाने का झांसा देकर 60 लाख से अधिक ठग लिए गए। दोनों मामले में पुरानी बस्ती और देवेंद्र नगर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
पुरानी बस्ती इलाके में रहने वाले 62 वर्षीय प्रोफेसर 19 जून को कॉलेज पढ़ाने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति ने दूरसंचार कंपनी का कर्मचारी बनकर उन्हें कॉल किया।
उसने बताया कि उनका मोबाइल नंबर ट्रैक किया जा रहा है। इस संबंध में बेंगलूरु पुलिस के निरीक्षक संदीप राव से बात कर लीजिए। उसने उसका मोबाइल नंबर भी दे दिया। इसके बाद संदीप ने प्रोफेसर को वीडियो कॉल किया। वर्दी पहने संदीप ने उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड से मोबाइल नंबर लिया गया है। उस नंबर का इस्तेमाल मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे काम में किए गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज इसकी जांच की जा रही है। यह कहते हुए प्रोफेसर को एकांत में रहने के लिए कहा गया। प्रोफेसर अपने घर आ गए। फिर दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आया।
प्रोफेसर ने अपने म्यूचुअल फंड की राशि भी जमा कर दी। इसके बाद अपनी पत्नी के नाम से 20 लाख लोन भी लिया। इस तरह 19 जून से 16 जुलाई 2025 तक ठगों ने प्रोफेसर और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट बताकर कुल 87 लाख 95 हजार रुपए ऑनलाइन ठग लिया। इसके बाद भी उन्हें लगातार फोन करके 30 लाख की मांग की जा रही थी। इसकी शिकायत पर पुरानी बस्ती पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है।
सरे कॉल से वर्दी पहने हुए व्यक्ति ने खुद को आईपीएस दया नायक बताया। मामले की जांच के नाम पर प्रोफेसर को डराना शुरू किया। स्थानीय पुलिस और किसी को बताने पर गिरफ्तार करने की चेतावनी दी। इस दौरान प्रोफेसर की पत्नी भी पहुंच गई। आरोपी ने उन्हें भी बातचीत करके डराया। प्रोफेसर और उनकी पत्नी से बैंक खातों के संबंध में पूरी जानकारी ली गई।
इसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी भेजी गई और बताया गया कि उनके बैंक खातों में जमा पैसों की जांच की जाएगी। इसके लिए उन पैसों को हमारे द्वारा बताए गए सरकारी बैंक खातों में जमा करो। प्रोफेसर और उनकी पत्नी काफी डरे हुए थे। दोनों आरोपियों के बताए अनुसार दोनों ने बिलासपुर में अपने बैंक खातों से अलग-अलग दिन आरटीजीएस के जरिए 60 लाख रुपए जमा कर दिए।
रायपुर के देवेंद्र नगर में रहने वाले 52 वर्षीय शशिकांत वर्मा की इंस्टाग्राम के जरिए सौजन्या गिल से दोस्ती हुई। उसने खुद को जैयनम ओटीसी ट्रेडिंग कंपनी का कोआर्डिनेटर बताया। इसके बाद सौजन्या ने उन्हें शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर भारी मुनाफा दिलाने का आश्वासन दिया।
शशिकांत उसकी बातों में आ गए। इसके बाद सौजन्या के बताए कंपनी के खातों में पैसा जमा करने लगे। अलग-अलग दिन में कुल 60 लाख 85 हजार रुपए जमा किया। इसके बाद पीड़ित को उसकी मुनाफा तो दूर मूल रकम भी वापस नहीं मिली। इसकी शिकायत पर देवेंद्र नगर थाने में ठगी का केस दर्ज किया गया है।
विधानसभा इलाके की रिटायर्ड महिला एजीएम से 02.83 करोड़ रुपए की ठगी।
मोवा की बुजुर्ग महिला से 58 लाख रुपए की ठगी।
टिकरापारा इलाके की शिक्षिका से 8 लाख से अधिक की ठगी।
पुरानीबस्ती के रिटायर्ड क्लर्क से 14 लाख रुपए की ठगी।
Published on:
07 Aug 2025 08:32 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
