
CG Doctors Posting: 31 मार्च को इंटर्नशिप पूरी कर चुके प्रदेश के 850 छात्रों की दो साल की बांड पोस्टिंग अब तक नहीं हुई है। उनकी इंटर्नशिप पूरी हुए तीन माह हो चुके हैं। जबकि आचार संहिता खत्म हुए एक माह हो गए। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग उनकी पोस्टिंग करने में नाकाम है। इससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को भी इन डॉक्टरों के इलाज का लाभ नहीं मिल रहा है।
यहां सबसे बड़ी तकनीकी पेंच ये है कि छात्र चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करते हैं। पोस्टिंग स्वास्थ्य विभाग करता है, जिन्हें काउंसिलिंग से लेकर पोस्टिंग का ज्यादा अनुभव नहीं है। ये समस्या हर साल हो रही है, जब छात्र इंटर्नशिप पूरी कर पोस्टिंग के लिए इंतजार पर इंतजार करते रहते हैं।
जानकारों का कहना है कि चूंकि ये छात्रों की पढ़ाई का मामला है तो इस पर आचार संहिता के नियम लागू नहीं होते। इसके बावजूद विभाग इसके बहाने पोस्टिंग लटकाकर रखता है। ऐसे में छात्र-छात्राओं की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। पोस्टिंग के पहले काउंसलिंग होगी। स्वास्थ्य विभाग काउंसलिंग का शेड्यूल भी तय नहीं कर पाया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एमबीबीएस व पीजी कोर्स पूरा करने के बाद बांड वाली पोस्टिंग डीएमई कार्यालय को करना चाहिए। छात्रों को दो साल सेवा अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें हैल्थ साइंस विवि से स्थायी डिग्री नहीं मिलेगी। छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में स्थायी पंजीयन भी नहीं होगा। छात्रों को सामान्य क्षेत्र के लिए हर माह 57150 रुपए व अनुसूचित क्षेत्र के लिए 69850 रुपए मानदेय दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने छात्रों को 10-15 जुलाई तक पोस्टिंग का आश्वासन दिया है। पोस्टिंग नहीं होने से नाराज छात्रों ने गुरुवार को आंबेडकर अस्पताल पहुंचे मंत्री को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में जल्द पोस्टिंग की मांग की गई। छात्रों ने यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर जायसवाल से कहा कि स्वास्थ्य विभाग पोस्टिंग पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे उन्हें घर पर बेकार बैठना पड़ रहा है। उन्हें मिली डिग्री का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है।
Updated on:
07 Jul 2024 07:39 am
Published on:
06 Jul 2024 01:00 pm
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