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CG Durga Murti: अमरीकन डायमंड से होगा माता का विशेष शृंगार, प्रदेश में करीब 50 हजार से अधिक प्रतिमाओं का हो रहा निर्माण

CG Durga Murti: रायपुर में नवरात्रि के पावन पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और कलाकार मां दुर्गा की भव्य मूर्तियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। इस वर्ष की प्रतिमाएं खास हैं, क्योंकि इन्हें राजस्थान और कोलकाता की गंगा मिट्टी से तैयार किया जा रहा है।

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CG Durga Murti: छत्तीसगढ़ के रायपुर में नवरात्रि के पावन पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और कलाकार मां दुर्गा की भव्य मूर्तियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। इस वर्ष की प्रतिमाएं खास हैं, क्योंकि इन्हें राजस्थान और कोलकाता की गंगा मिट्टी से तैयार किया जा रहा है। मूर्तिकारों का कहना है कि ये मिट्टियां मूर्तियों को न केवल मजबूती देती हैं, बल्कि सुंदरता भी प्रदान करती हैं।

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CG Durga Murti: खास है मिटटी

CG Durga Murti: प्रदेशभर में करीब 50 हजार से अधिक मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है, राजनांदगांव के थनौद व अंजोरा में करीब एक हजार से ज्यादा प्रतिमा का निर्माण, पाटन, राजिम, माना कैैंप, थनौद, अंजोरा, आरंग, निमोरा, तूता, चंगोराभांटा, रामकुंड, रायपुरा जैसे इलाकों में दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर हो रहा है। मूर्तिकारों का कहना है कि राजस्थान और कोलकाता की मिट्टी उनकी कला के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

CG Durga Murti: थनौद के मूर्तिकार गिरधर कुंभतकर ने बताया कि निर्माण में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। राजस्थान की मिट्टी बहुत चिकनी होती है, जिससे मूर्तियों में दरारें नहीं आतीं। इस मिट्टी से मूर्तियां लंबे समय तक चलती हैं। वहीं कोलकाता की मिट्टी से मूर्ति को आकार देना आसान होता है और उसकी बारीकी से कारीगरी की जा सकती है।

गंगा मिट्टी का प्रयोग

मूर्तिकार पीलूराम साहू ने बताया कि गंगा नदी के मिट्टी का प्रयोग करके हम प्रतिमा बनाते हैं। गंगा की मिट्टी से सही आकार देने, बारीकी से नक्शांकन करने और फिर उन्हें सजाने में घंटों की मेहनत लगती है। मिट्टी का सही मिश्रण तैयार करने से लेकर उसे आकार देने में धैर्य और सावधानी की जरूरत होती है।

अमरीकन डायमंड से विशेष शृंगार

माना कैप के मूर्तिकार कृष्णा राणा ने बताया कि इस साल, मूर्तियों को सजाने के लिए अमरीकन डायमंड का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे मूर्तियों की चमक और भव्यता में इजाफा के साथ मां दुर्गा की मूर्ति और भी प्रभावशाली दिखती है। जब मूर्ति पर प्रकाश पड़ता है, तो ये डायमंड अद्भुत चमक देते हैं। मूर्तिकार परम यादव ने बताया कि हर मूर्ति को अनोखा बनाने के लिए हम लगातार अपनी तकनीकों को निखार रहे हैं और कुछ नया जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

गुजरात के कपड़े और चूड़ियां

मूर्तिकार सुरेश प्रजापति ने बताया कि प्रतिमा निर्माण के बाद उनका भव्य श्रृंगार भी एक अहम हिस्सा होता है। इस बार मूर्तियों की सजावट के लिए गुजरात, राजस्थान सहित कोलकाता से खास कपड़े और चूड़ियां मंगवाई गई हैं। गुजरात से चमकदार और रंग-बिरंगे कपड़े मंगवाते हैं। ये कपड़े मूर्तियों को खास बनाते हैं। साथ ही, चूड़ियां भी गुजरात से मंगवाई गई हैं, जो मां दुर्गा की भुजाओं पर सजाई जाती हैं।