
विधानसभा चुनाव: कैदियों को न पैरोल और न वोट दे सकेंगे
रायपुर। CG Election 2023: छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कैदियों को पैरोल और सामान्य अवकाश नहीं मिलेगा। इसके अलावा वे वोट भी नहीं दे सकते हैं। चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने की आशंका को देखते हुए इन पर प्रतिबंध लगाया गया है। बता दें कि इस समय प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर सेंट्रल और कुछ जिला जेल में 6000 से ज्यादा कैदियों को रखा गया है। जेल मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि सजायाफ्ता कैदी को पैरोल और अवकाश पर रिहा करने पर वह वोटरों को प्रभावित कर सकता है या शांति भंग की आशंका रहती है।
साल भर में 42 दिन का अवकाश
कैदियों को 2 वर्ष की सजा पूरी करने वाले सजायाफ्ता कैदियों को साल भर में 42 दिन का अवकाश मिलता है। इसका लाभ केवल अच्छे चाल-चलन वाले कैदियों को दिया जाता है। पहली बार आवेदन करने पर कलेक्टर द्वारा अधिकतम 21 दिन का अवकाश स्वीकृत किया जाता है। इसके बाद दूसरी बार जेल डीजी अवकाश आवेदन को मंजूरी देते है। कैदियों और उनके परिजनों द्वारा आवेदन और जमानत लेने पर कैदी को रिहा किया जाता है। इस दौरान वह अपने घर जा सकता है। बता दें कि विचारधीन बंदियों की कोर्ट में प्रकरण लंबित रहने के कारण इस सुविधा का लाभ नहीं दिया जाता है।
वापस नहीं लौटने पर जमानतदार पर कार्रवाई जेल से रिहा होने के बाद निर्धारित समय पर जेल में उपस्थिति दर्ज नहीं कराने पर जमानतदार को जिम्मेदार माना जाता है। कैदी के वापस नहीं लौटने और गिरफ्तारी तक उसे थाने में बिठाकर रखा जाता है। वहीं दोबारा उसे पैरोल और अवकाश आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है।
महीनेभर में 3000 लोगों की गिरफ्तारी
चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य पुलिस द्वारा प्रदेशभर में अभियान चलाकर 3000 से ज्यादा स्थाई एवं फरार वारंटियों, एनडीपीएस, आबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया है। इन सभी को मतदान के बाद ही रिहाई होगी।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में जेलों की संख्या - 33
कैदियों की संख्या - 19500
सजायाफ्ता कैदियों की संख्या - 6000
विचाराधीन बंदियों की संख्या - 13000
Published on:
01 Nov 2023 10:18 am
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