
CG Elephant News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां हाथी का एक बच्चा पोटाश बम से घायल हो गया। यह बम आमतौर पर जंगली सूअरों के शिकार के लिए उपयोग किया जाता है। घटना के बाद वन विभाग ने तुरंत खोज और बचाव अभियान शुरू किया। थर्मल ड्रोन और विशेषज्ञों की मदद से घायल हाथी की तलाश जारी है, ताकि उसे समय पर इलाज मिल सके और अधिक नुकसान से बचाया जा सके।
CG Elephant News: 7 नवंबर को सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व में हाथी के घायल होने की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई की। परिक्षेत्र अधिकारी शैलेश बघेल को सुबह जंगल में खून के धब्बे दिखाई दिए। इस बाद उन्होंने एंटी पोचिंग टीम एवं उपनिदेशक वरुण जैन को सूचना दी। वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
जंगल में हाथी और उसके बच्चे के पदचिन्ह मिलने से पता चला कि हाथी घायल हुआ है। इस घटना की जानकारी उपनिदेशक ने सीसीएफ सतोदिशा समाजदार को दी। उन्होंने तुरंत वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा के साथ टाइगर रिजर्व का दौरा किया। घटनास्थल से करीब 6 किलोमीटर तक खून के निशान और पदचिन्ह दिखे, लेकिन इसके बाद वे गायब हो गए।
उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि टीम ने हाथी की खोज में पूरे क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी। लेकिन हाथी और उसके बच्चे का कोई ठिकाना नहीं मिला। इसके बाद टीम ने थर्मल ड्रोन का सहारा लिया, जिससे सिकासेर दल की तस्वीरें सामने आईं। तस्वीरों में एक छोटे हाथी को लंगड़ाते हुए देखा गया, जिसका जबड़ा सूजा हुआ था। इससे संकेत मिला कि यह वही हाथी का बच्चा है जो घायल हुआ है। अब विशेषज्ञ रायपुर से थर्मल ड्रोन की मदद से घायल हाथी के घाव का और अधिक अध्ययन करेंगे और उपचार की योजना बनाई जा रही है।
पोटाश बम का उपयोग जंगली सूअर का शिकार करने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका दुरुपयोग अन्य वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने में भी हो रहा है। इस बम में विस्फोट होने के बाद इसके संपर्क में आने वाले जानवर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। ऐसी घटनाएं वन्यजीवों के जीवन के लिए अत्यंत घातक साबित हो सकती हैं। इन जानवरों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे वे असहाय महसूस करते हैं।
घायल हाथी के मामले में वन विभाग ने पोटाश बम लगाने वाले व्यक्ति की सूचना देने पर 10,000 रुपए के इनाम की घोषणा की है। इस काम में डॉग स्क्वाड का भी सहारा लिया जा रहा है, जिससे कि अपराधियों का सुराग मिल सके। इस घटना की शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज कराई गई है। इस कठिन बचाव कार्य में ड्रोन ऑपरेटर मनीष राजपूत, अभिनंदन तिवारी, एसडीओ गोपाल कश्यप और बीट गार्ड राहुल राजपूत तथा रूपेंद्र मरकाम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
Published on:
11 Nov 2024 10:46 am
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