
CG Fraud News: शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगों ने एक और व्यक्ति को ठग लिया। उनसे 30 लाख से अधिक की ऑनलाइन ठगी कर लिया गया। पीडि़त बेरोजगार है। कमाई के चक्कर में साइबर ठगों के शेयर ट्रेडिंग करके ज्यादा कमाई करने के झांसे में आ गया। खुद ने पैसा लगाया साथ में अपनी मां के नाम से भी ट्रेडिंग करके उनका पैसा भी डूबा दिया। इसकी शिकायत पर पंडरी पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
पुलिस के मुताबिक दलदलसिवनी निवासी अचिंत वर्तमान में बेरोजगार हैं। उन्हें अज्ञात मोबाइल नंबर से एक वाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया। ग्रुप में पहले से अधिकांश लोग स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग और उससे लगातार फायदा होने की चर्चा करते थे। अचिंत ने भी ग्रुप में चैटिंग शुरू कर दी। फिर उसने ग्रुप से जुड़ी कृति से चर्चा की।
CG Fraud News: कृति ने शेयर ट्रेडिंग करने के बारे में बताया। इससे 2 से लेकर 25 फीसदी फायदा होने का झांसा दिया। अंचित उसकी बातों में आ गया। इसके बाद उसने शेयर ट्रेडिंग ऐप इंस्टाल किया। फिर उसी ऐप के जरिए 29 अगस्त 2024 से अंचित ने निवेश करना शुरू किया। निवेश में मुनाफा भी ऐप में दिखाते थे। इससे वह और ज्यादा निवेश करने लगा। अचिंत ने अपनी मां से 10 लाख रुपए लिया और उसे भी अलग आईडी बना कर निवेश कर दिया। उसने कुल 20 लाख 47 हजार 700 रुपए निवेश किया और अपनी मां के बैंक खातों से 10 लाख 5,000 लगाया। इस तरह कुल 30 लाख 52 हजार 700 रुपए निवेश किया गया।
इसके बाद साइबर ठगों ने उसे बजाज के आईपीओ के नाम पर 42 लाख रुपए और जमा करने के लिए कहा। इसके बाद ही पहले निवेश की गई राशि और उसका मुनाफा वापस मिल सकता था। रकम जमा नहीं करने पर ठगों ने उनके खाते फ्रीज कर दिए। उसके मुनाफे की राशि शून्य दिखाने लगा। इससे पीडि़त को शक हुआ। बाद में साइबर ठगों ने उसे वाट्सऐप ग्रुप से बाहर कर दिया। इसकी शिकायत पर पंडरी पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
पीडि़त युवक साइबर ठगों के जाल में ऐसे फंस गया था कि उनके हिसाब से निवेश करने के लिए दूसरों से कर्ज भी लेने लगा। उसने अपने एलआईसी, बैंकों, एनबीएफसी और अन्य लोगों से कर्ज लिया। इसकी ईएमआई भी शुरू हो गई है। इससे उसकी परेशानी बढ़ गई है।
ऐसे वाट्सऐप ग्रुप बनाकर साइबर ठग कई फर्जी बैंक खातों एम स्टॉक बाय मिरे एसेट का उपयोग कर रहे हैं। वे नकली "एम स्टॉक" ब्रांड नाम और उनकी पहचान का भी उपयोग कर रहे हैं। ग्रुप के भीतर 95 फीसदी से ज्यादा सदस्य फर्जी निवेशक हैं। फिलहाल पंडरी पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
Published on:
05 Oct 2024 10:15 am
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