
CG Human-Elephant Conflict: दिनेश यदु. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ सालों से मानव-हाथी द्वंद की घटनाओं में खतरनाक बढ़ोतरी देखी जा रही है। जहां एक ओर हाथियों की संख्या लगातार घट रही है। दूसरी ओर, इन विशाल जीवों द्वारा मानवों पर हमलों की संख्या भी बढ़ रही है।
पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में 90 हाथियों और 303 लोग हाथी के हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि मानव-हाथी के बीच संघर्ष लगातार बढ़ रहा है और हाथियों की घटती संख्या आने वाले दिनों में गंभीर संकट का रूप ले सकती है।
2017 में देशभर में हुए हाथियों की गणना में 27,312 हाथी बताए गए थे। हालांकि, पांच सालों में छत्तीसगढ़ में अकेले 90 हाथियों की मौत हो चुकी है। पूरे देश में इस अवधि में 528 हाथियों की मौत हुई है। इसके विपरीत हाथियों के हमलों में भी बढ़ोतरी हुई है। पूरे देश में इस दौरान 2,833 लोग हाथियों के हमलों में अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं।
हाथियों के संरक्षण के लिए एक ठोस योजना की जरूरत है, जिसमें उनके लिए कॉरिडोर का निर्माण, वनों की सुरक्षा और मानव-हाथी द्वंद की समस्याओं के समाधान की दिशा में काम किया जाए। इसके अलावा हाथियों के लिए ट्रैकिंग की व्यवस्था और जीन-पूल की रक्षा के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है।
केदार कश्यप ने कहा, हाथी कॉरिडोर बनाने की बात लंबे समय से चल रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह समय की मांग है कि हम हाथियों के लिए सुरक्षित मार्ग और उनके संरक्षण की योजनाओं पर काम शुरू करें।
Updated on:
01 Apr 2025 01:59 pm
Published on:
01 Apr 2025 01:48 pm
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