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CG News: महादेव घाट के पास मिले प्राचीन अवशेष, पुरातत्व विभाग ने जांच के लिए मांगी खुदाई की अनुमति

CG News: छत्तीसगढ़ के इतिहास का एक नया अध्याय खोल सकता है। इससे न राज्य के गौरवशाली अतीत की जानकारी मिलेगी, बल्कि इसे संरक्षित कर धरोहर स्थल के रूप में विकसित करने का मार्ग भी प्रशस्त हो सकता है।

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CG News: महादेव घाट के पास मिले प्राचीन अवशेष, पुरातत्व विभाग ने जांच के लिए मांगी खुदाई की अनुमति

CG News: रायपुरा क्षेत्र में स्थित पं.गिरजा शंकर गवर्नमेंट स्कूल के पीछे और महादेव घाट के पास डीही बाड़ी में दो दिन पूर्व प्राचीन अवशेष मिले हैं। जमीन समतलीकरण के दौरान इन अवशेषों के मिलने से इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को और बल मिला है। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, यह स्थान कल्चुरी राजवंश के समय का हो सकता है, जब यहां निर्माण कार्य किया गया था।

CG News: पत्र लिखकर खुदाई की मांगी अनुमति

सोमवार को पुरातत्व उप संचालक डॉ. प्रतापचंद पारख ने खुद मौके पर जाकर निरीक्षण किया और इन अवशेषों को ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण माना है। अब पुरातत्व विभाग ने रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर खुदाई की अनुमति मांगी है, ताकि इस स्थान का गहन अध्ययन किया जा सके। इस ऐतिहासिक खोज के बाद स्थानीय लोगों में उत्सुकता और जागरूकता बढ़ गई है। कई लोगों का मानना है कि यह जगह दक्षिण कौशल का महत्वपूर्ण हिस्सा रही होगी और यहां खुदाई से इतिहास से जुड़ी कई जानकारी सामने आ सकती है।

यह भी पढ़ें: CG News: रायपुर में मिले एक हजार साल पुराने अवशेष, सामने आई ऐतिहासिक धरोहर

अवशेषों के ऐतिहासिक महत्व को प्रमाणित

पार्षद महेन्द्र औसर व पुरातत्व विभाग अधिकारियों का कहना है कि इस स्थान की पूरी खुदाई और अध्ययन से प्राचीन काल के कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं। विभाग ने कलेक्टर से खुदाई की अनुमति मांगी है। अवशेषों के ऐतिहासिक महत्व को प्रमाणित किया जा सके। अगर खुदाई को अनुमति मिलती है, तो यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का एक नया अध्याय खोल सकता है। इससे न राज्य के गौरवशाली अतीत की जानकारी मिलेगी, बल्कि इसे संरक्षित कर धरोहर स्थल के रूप में विकसित करने का मार्ग भी प्रशस्त हो सकता है।

दक्षिण कौशल से जुड़ा है यह क्षेत्र

CG News: थानेश चक्रधारी ने कहा, छत्तीसगढ़ में कई प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, जो ऋषि-मुनियों और भगवानों से जुड़े हुए हैं। यह क्षेत्र भी उन्हीं में से एक हो सकता है। इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।

नूतन पथोड़े ने कहा, हमारे पूर्वजों ने इस भूमि पर घोर तपस्या की थी। यह क्षेत्र हमेशा से धर्म और आध्यात्म का केंद्र रहा है। हमें इसे संरक्षित कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए।

जितेंद्र ठाकुर ने कहा, पहले यह इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे यहां बसाहट हो गई है। जो अवशेष मिले हैं, वे साबित करते हैं कि यह जगह महत्वपूर्ण रही होगी।

रितेश कुमार ने कहा, छत्तीसगढ़ का इतिहास बहुत पुराना है। अगर पुरातत्व विभाग यहां खुदाई करता है, तो हमें हमारे अतीत के बारे में बहुत कुछ नया जानने को मिल सकता है।