
इंजेक्शन फेनीटोन सोडियम बैन (Photo source-shutterstock)
CG News: सीजीएमएससी से सप्लाई मिर्गी व हेड इंजुरी में झटके रोकने वाला इंजेक्शन फेनीटोन सोडियम सब-स्टैंडर्ड निकला है। यह इंजेक्शन सिस्टोकेम लेबोरेटरी दिल्ली में बना है। इसकी सप्लाई आंबेडकर अस्पताल के अलावा डीकेएस समेत रायपुर व बलौदाबाजार के सभी जिला अस्पतालों में हुआ था। दवा कॉर्पोरेशन ने इंजेक्शन के उपयोग पर बैन लगा दिया है। साथ ही इंजेक्शन को वापस मंगाया है।
दवा कॉर्पोरेशन द्वारा सप्लाई इंजेक्शन व दवा लगातार घटिया निकल रहे हैं। लाइफ सेविंग इंजेक्शन के घटिया निकलने से मरीजों की जान पर खतरा बढ़ जाता है। जो इंजेक्शन सब-स्टैंडर्ड निकला है, उसका ड्रग कोड डी 409 है। यह 1 मार्च 2025 में बना है और 28 फरवरी 2027 में एक्सपायर होगा। इसका बैच नंबर सीपीवाय 2503 है। दोबारा जांच में यह सब-स्टैंडर्ड निकला है। इसके पहले डिवाइन कंपनी वड़ोदरा का हिपेरिन इंजेक्शन व वाइटल कंपनी नासिक में बना इंजेक्शन प्रोटामिन सल्फेट इंजेक्शन घटिया निकल चुका है।
पत्रिका में लगातार खबर प्रकाशित होने के बाद दोनों ही इंजेक्शन को वापस मंगाया गया। यही नहीं, डिवाइन कंपनी व इसके प्रोडक्ट को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। वहीं, प्रोटामिन इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दरअसल, इस इंजेक्शन का सप्लायर सीजीएमएससी का पूर्व अधिकारी जीएम फाइनेंस रहा है। इसलिए दवा कॉर्पोरेशन ने इंजेक्शन के उपयोग व स्टाक मंगाने में काफी देरी की। प्रदेश में लगातार घटिया दवा से लेकर इंजेक्शन की सप्लाई से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर इतनी मात्रा में इंजेक्शन, किट, टेबलेट क्यों निम्न स्तर का निकल रहा है?
CG News: सीजीएमएससी से सप्लाई ग्लूकोज स्लाइन चढ़ाने वाली इंट्रावीनस ड्रिप सेट व प्रेग्नेंसी डायग्नोस्टिक किट भी घटिया निकला है। ग्लूकोज स्लाइन चढ़ाने वाली इंट्रावीनस ड्रिप सेट विथ एयरवे एंड निडिल बैच नंबर आईवीईवी24एफ12 है। यह 1 जून 2024 में बना है और एक्सपायरी डेट 31 मई 2029 है। यह कार्टेल हैल्थकेयर प्रा. लि. रायपुर में बना है। प्रेग्नेंसी डायग्नोस्टिक किट बैच नंबर आरएल 2407004 भी निम्न स्तर का पाया गया है।
इसका निर्माण 1 जुलाई 2024 में हुआ है और एक्सपायरी डेट 30 जून 2026 है। यह रिकोंबिजन लेबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली में बना है। किट की रिपोर्ट सही नहीं आ रही थी। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ पॉजीटिव रिपोर्ट, सोनोग्राफी जांच के दौरान निगेटिव निकली। कुछ निगेटिव रिपोर्ट पॉजीटिव निकली। यानी किट के अनुसार महिला गर्भवती नहीं निकली या जो निकली, उनकी रिपोर्ट गलत पाई गई।
Updated on:
09 Jul 2025 10:31 am
Published on:
09 Jul 2025 10:30 am
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