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CG News: ग्रामीण क्षेत्रों में कम हो रहे रोजगार गारंटी के अवसर, छह साल में 13 लाख से अधिक मनरेगा जॉब कार्ड हुए रद्द, जानिए वजह

CG News: रायपुर में शहरीकरण का असर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी पर पड़ रहा है। मनरेगा के तहत बनाए गए जॉब कार्ड तेजी से रद्द हो रहे हैं। वही छत्तीसगढ़ में पिछले छह सालों में 13 लाख 29 हजार 372 जॉब कार्ड रद्द हुए हैं।

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job card cancelled

CG News: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में शहरीकरण का असर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी पर पड़ रहा है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत रोजगार पाने वाले ग्रामीणों की संख्या में कमी हो रही है। बता दे कि पत्रिका की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पिछले कुछ सालों 150 से अधिक ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में शामिल किया गया है। जबकि, हर ग्राम पंचायत में चार से पांच गांव शामिल होते हैं। ऐसा होने की वजह से मनरेगा के तहत बनाए गए जॉब कार्ड तेजी से रद्द हो रहे हैं।

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वर्ष 2024-25 में सबसे अधिक हुए जॉब कार्ड रद्द

Job Card Cancelled: छत्तीसगढ़ में पिछले छह सालों में 13 लाख 29 हजार 372 जॉब कार्ड रद्द हुए हैं। इन जॉब कार्ड के रद्द होने के पीछे तीन से चार अन्य कारण भी, लेकिन सबसे ज्यादा कार्ड ग्राम पंचायतों के नगर पंचायत बनाने के बाद हुए हैं। क्योंकि, मनरेगा का लाभ केवल ग्राम पंचायतों को ही मिलता है। हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि जॉब कार्ड रद्द करना और नया बनाने की प्रक्रिया सतत चलती रहती है।

पत्रिका ने जब, जॉब कार्ड रद्द करने के आंकड़ों को खंगाला तो वर्ष 2024-25 में सबसे अधिक 3 लाख 29 हजार 528 जॉब कार्ड रद्द हुए हैं। इस दौरान तत्कालिन कांग्रेस सरकार ने 17 से अधिक ग्राम पंचायतों को नगर पंचायतों में दर्जा देने की घोषणा की थी। इसके पहले की सरकारों में भी ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिया है। हालांकि कुछ मामलों में कई बार ग्रामीण भी विरोध कर देते हैं।

राजभवन से भी रहा है मतभेद

ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा देने पर प्रशासनिक मतभेद भी दिखाई देता है। खास कर पांचवीं अनुसूचित में शामिल गांवों को नगर पंचायत का दर्जा मिलने पर विवाद कीस्तिथि निर्मित होती है। पहली बार यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई थी।

दरअसल, ग्राम पंचायत मरवाही को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। इस मामले की शिकायत राजभवन तक में हुई थीं। चूंकि नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है, इसलिए इसे राज्यपाल ने तत्काल संज्ञान लिया है। राज्यपाल ने इससे पूर्व भी छत्तीसगढ़ में 27 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन करने पर आपत्ति जताई थी।

यह है जॉब कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया

अधिकारियों के मुताबिक जॉब कार्ड रद्द करने और नाम जुड़वाने की प्रक्रिया ग्राम सभा के माध्यम से की जाती है। ग्राम सभा में सभी की सहमति से निर्णय लिया जाता है।