
CG News: महापौर का अफसरों से दो टूक सवाल- किस नियम से खुलवाते हैं गार्डन में दुकानें?(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में पूर्व महापौर के समय से गार्डन के व्यवसायीकरण की चली आ रही परिपाटी अब पूरी तरह से बंद होगी। महापौर मीनल चौबे ने गुरुवार को अफसरों की बैठक ली और जवाब-तलब किया। उन्होंने पूछा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट में उद्यानों में 5 प्रतिशत भूमि किस प्रयोजन के लिए छोडी जाती है। क्या उद्यान में होटल और नाश्ता की दुकानें खोली जा सकती हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी प्रस्तुत करें।
अफसरों से तीखे सवालों के साथ ही महापौर ने यह तय कर दिया है कि अब किसी भी गार्डन का व्यवसायीकरण नहीं होगा। निगम मुख्यालय में महापौर नगर निगम पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से साफ कहा कि अब रायपुर में किसी भी उद्यान का व्यवसायीकरण नहीं होगा। गार्डन केवल शहर के लोगों के सुविधा के लिए हैं। खानपान की दुकानें चलाने के लिए नहीं हैं।
समीक्षा बैठक के दौरान ही उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों से तीखे सवाल पूछे और किस प्रावधान के तहत दुकानें खोली जाती हैं, उसकी पूरी जानकारी तलब की। इस दौरान निगम पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग अध्यक्ष भोला राम साहू, अपर आयुक्त विनोद पाण्डेय, अधीक्षण अभियंता संजय बागडे, उपायुक्त जसदेव सिंह बाबरा, कार्यपालन अभियंता गजाराम कंवर, सहायक अभियंता आशीष श्रीवास्तव, सोहन गुप्ता सहित सभी 10 जोनों के उद्यान विभाग के उप अभियंता मौजूद थे। महापौर ने शहर के सभी उद्यानों की जोनवार समीक्षा की और प्रत्येक उद्यान का संधारण और रखरखाव कार्य व्यवस्थित तरीके से कराने के निर्देश दिए।
बता दें कि शहर के उद्यानों का 25 प्रतिशत हिस्सा पूर्व महापौर एजाज ढेबर के कार्यकाल में व्यावसायिक उपयोग होने लगा था। तर्क यह दिया गया कि इससे जो आय होगी, उससे गार्डन की देखरेख होगी। इस तर्ज पर आधा दर्जन उद्यानों की जगह में खानपान की दुकानें खुलवा दी गई। इसमें निगम मुयालय के सामने वाला उद्यान भी शामिल है। जिसके चारों तरफ टीन शेड की दुकानें बनाई गई। इसका लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन मरीन ड्राइव से लेकर कटोरा तालाब चौपाटी बन गया।
Published on:
26 Sept 2025 12:06 pm
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