
निकायों की आय बढ़ाने के लिए कवायद जारी (Photo source- Patrika)
CG News: प्रदेशभर के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में आने वाले वर्ष में संपत्तिकर के वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि हो सकती है। क्योंकि निकायों ने विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि का खाका खींचना शुरू कर दिया है। खाका तैयार होने के बाद मंजूरी के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा। शासन से मंजूरी मिलने के बाद संपत्तिकर के वार्षिक भाड़ा में वृद्धि हो जाएगी।
हालांकि इसके लिए पहले निकाय की एमआईसी और सामान्य सभा की मुहर लगना भी जरूरी होगा। इसके बाद संपत्तिकर के वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि लागू की जाएगी। बता दें कि विभागीय मंत्री अरुण साव ने पिछले दिनों निकायों के कामकाज की समीक्षा के दौरान सभी निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि निकायों की आय बढ़ाने के लिए संपत्तिकर के वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि पर विचार करें। साथ ही प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजें।
जानकारी के अनुसार, निकायों में संपत्तिकर के वार्षिक भाड़ा मूल्य में बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि निकायों के खर्चों में भारी वृद्धि हुई है। चाहे साफ-सफाई के अमले के वेतन, स्ट्रीट लाइट के बिजली बिल में वृद्धि हो या फिर वार्डों में सड़क, नाली का निर्माण हो।
संपत्तिकर के वार्षिक भाडा़ मूल्य में वृद्धि से निकायों की आय में वृद्धि होगी। इससे निगम को अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को वेतन देने और निगम के प्रशासनिक कार्यों को जनहित में करने मे आसानी होगी।
CG News: सूत्र बताते हैं कि संपत्तिकर में वृद्धि के लिए नियमों में संशोधित कर कुछ नए नियम भी जोड़े जा सकते हैं, ताकि लोगों को संपत्तिकर में बढ़ोत्तरी का असर ज्यादा न पड़े। हां, इतना जरूर किया जा सकता है कि जो किराएदार रखते हैं और कमर्शियल उपयोग कर रहे हैं तो उनके ऊपर ही संपत्तिकर के वार्षिक भाड़ा मूल्य का स्लैब अलग-अलग रख दें।
जो न तो किराएदार रखते हैं और न कमर्शियल उपयोग करते हैं उनके वार्षिक भाड़ा मूल्य में आंशिक वृद्धि की जाएगी। या फिर वार्षिक भाड़ा मूल्य एक समान रखेंगे, लेकिन किराएदार और कमर्शियल उपयोग करने वालों के लिए अलग से एक्स्ट्रा टैक्स लगाकर संपत्तिकर में वृद्धि कर सकते हैं।
Updated on:
27 Sept 2025 09:21 am
Published on:
27 Sept 2025 09:20 am
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