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भारी पड़ सकती है ऐसी अनदेखी, 8 मंजिला बिल्डिंग में इमरजेंसी दरवाजा व खिड़की नहीं, लोगों की जान खतरे में…

CG News: आग लगने में 10 से ज्यादा ऑफिस जलकर खाक हो गए। उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि टॉवर के ग्राउंड फ्लोर पर से केबल ऊपरी मंजिल तक गया है।

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सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली (Photo source- Patrika)

सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली (Photo source- Patrika)

CG News: तेलीबांधा इलाके के 8 मंजिला बेबीलॉन टॉवर में आग लगने से सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। यहां न इमरजेंसी दरवाजा है और न ही खिड़की है। इसके बावजूद नगर निगम, फायर सेफ्टी और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कभी इसकी जांच नहीं की। इसके फायर एनओसी की भी जांच नहीं की गई है। बताया जाता है कि बिल्डिंग का फायर एनओसी भी नहीं है।

बेबीलॉन टॉवर की तरह शहर में कई इमारतें हैं, जहां फायर सेफ्टी सिस्टम के अलावा इमरजेंसी दरवाजा और खिड़की नहीं है। ऐसी बिल्डिंगों की कभी जांच नहीं होती। इन इमारतों में आग लग हो जाए, तो लोगों को बचने का मौका नहीं मिलेगा। साथ ही उन्हें बचाने के लिए उपाय करना भी मुश्किल होगा।

CG News: दोबारा भड़की आग, सुबह बुझी

बेबीलॉन टॉवर में मंगलवार की रात लगी आग रात को करीब 1 बजे तक बुझा लिया गया था। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम लौट गई थी। अचानक रात करीब 2.15 बजे फिर आग भड़क गई। आग तेजी से सातवीं और आठवीं मंजिल में फैल गई। दोबारा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची। इसके बाद सुबह करीब 6 बजे तक आग को बुझाया जा सका।

आग लगने में 10 से ज्यादा ऑफिस जलकर खाक हो गए। उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि टॉवर के ग्राउंड फ्लोर पर से केबल ऊपरी मंजिल तक गया है। मंगलवार रात बिजली बार-बार बंद हो रही थी। इस दौरान होटल के कर्मचारियों ने जनरेटर को ऑन किया। इससे टॉवर के बी ब्लॉक की बिजली के केबल में आग लग गई।

CG News: बिल्डिंग में मिली ये खामियां

  1. इमरजेंसी अलार्म, स्मोग सिस्टम नहीं

यह होता, तो जैसे ही आग लगी और धुआं निकलता, वैसे ही अलार्म बजने लगा। यहां काम करने वाले कर्मचारी और कारोबारी आग लगने के शुरुआती समय में ही सुरक्षित हो जाते।

  1. इमरजेंसी दरवाजा, खिड़की नहीं

-इतने बड़े टॉवर में इमरजेंसी दरवाजा और खिड़कियां नहीं हैं। अगर ये होती, तो आग लगने जैसी घटना होने पर लोगों को अपनी जान बचाने के लिए इमरजेंसी दरवाजा और खिड़की के रास्ते बाहर निकल सकते थे।

  1. आने-जाने के लिए एक ही सीढ़ी

टॉवर में ए और बी ब्लॉक बने हैं। दोनों में ऊपर आने-जाने के लिए लिफ्ट लगी है। एक-एक सीढ़ी है। आग लगने पर इससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। आग लगते ही लिफ्ट बंद हो जाती है। सीढ़ियों में भी आग फैल जाती है। इससे लोगों को बाहर निकलते नहीं बनता।

  1. दिखावे का स्प्रिंकलर सिस्टम

टॉवर के अलग-अलग फ्लोर के गलियारे में स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, लेकिन इसमें से पानी नहीं निकलता। बताया जाता है कि इसका ग्राउंड फ्लोर में पाइप से कनेक्शन नहीं है। आग लगने पर इससे पानी नहीं निकला।

किसी ने जांच नहीं की, बेखौफ संचालन

बेबीलॉन टॉवर में फायर सेफ्टी को लेकर इतनी खामियां थीं। इसके बावजूद इसका बेखौफ संचालन किया जा रहा था। नगर निगम, जिला प्रशासन और फायर सेफ्टी विभाग वालों ने कभी इसकी जांच नहीं की। बताया जाता है कि टॉवर संचालकों के पास फायर सेफ्टी का एनओसी भी नहीं है।

कैसे पास हो गया नक्शा?

CG News: टॉवर में फायर सेफ्टी के लिए आवश्यक उपाय नहीं किए गए हैं। इसके बावजूद भवन निर्माण का नक्शा कैसे पास हो गया? इसको लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। नगर निगम, टीएनसी अधिकारियों ने बिना इमरजेंसी दरवाजा, खिड़की और सीढ़ियों की जांच किए बगैर ही नक्शा पास कर दिया है।

काम नहीं किया

आग लगने की घटना के बाद बुधवार को जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। टीम ने बेबीलॉन टॉवर के फायर सेफ्टी सिस्टम की जांच की। इस दौरान एक भी सिस्टम ने काम नहीं किया। फायर फाइटिंग सिस्टम से लेकर स्प्रिंकलर सिस्टम ने काम नहीं किया। जिला प्रशासन की प्रहरी टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण, नक्शा तैयार किया।