
छत्तीसगढ़ गो-सेवा आयोग (Photo Patrika)
CG News: गायों के सरंक्षण के लिए गोधाम बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए राज्य सरकार गोठानों का ही उपयोग करेगी, लेकिन अब इसका संचालन पूरे नियम-कायदे से होगा। गो-सेवा आयोग में पंजीकृत गो-शाला समिति ही गोधाम की पूरी व्यवस्था देखेंगी। इसके लिए समिति को 25 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाएगा। समिति के कामों पर सरकार की पूरी नजर रहेगी। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर समिति का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ गो-सेवा आयोग अधिनियम में बदलाव किया है।
अधिनियम में हुए बदलाव के मुताबिक, गोधाम में जिला प्रशासन की अहम भूमिका रहेगी। जिले में निराश्रित, घुमंतु गो-वंशीय पशुओं के विस्थापन के लिए शासकीय भूमि या ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित गोठान का चिन्हांकन कर गोधाम की स्थापना की जाएगी। कलेक्टर इसका प्रस्ताव आयोग को भेजेंगे। प्रस्ताव में प्रस्तावित स्थल पर निर्मित संरचनाओं की भौतिक व वित्तीय जानकारी शामिल होगी। यही नहीं, रिपोर्ट सही है या नहीं यह देखने के लिए निर्मित संरचनाओं का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
आयोग पूर्व से पंजीकृत गो-शाला की समिति से गोधाम योजना अंतर्गत इसके संचालन की सहमति लेगा। इसके अलावा रुचि की अभिव्यक्ति के आधार पर गोधाम के पंजीयन की प्रक्रिया होगी। इसके लिए समितियों को संस्था से संबंधित संपत्ति का ब्योरा सहित छह बिंदुओं में जानकारी देनी होगी। साथ ही संस्था के आय-व्यय का हिसाब भी देना होगा।
समिति को संचालन की अनुमति मिलने के बाद आयोग और चयनित संस्था के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा। इसके साथ चयनित संस्था को 25 हजार रुपए की सुरक्षा निधि आयोग के पास जमा करनी होगी। गोधाम संचालित करने वाली संस्था को उपलब्ध कराई गई भूमि, निर्मित अधोसंरचना और चरागाह पर कोई भी अधिकार नहीं होगा।
Updated on:
03 Oct 2025 02:12 pm
Published on:
03 Oct 2025 02:11 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
