
केंद्रीय बजट में घोषणा के बाद chhattisgarh में लॉन्चिंग को लेकर तैयारी शुरू
रायपुर . छत्तीसगढ़ में अब मोबाइल फोन की तरह अब बिजली का मीटर भी प्री-पैड होगा। जुलाई से बिजली कंपनी ने रीचार्ज वाले मीटर लॉन्च करने की योजना बनाई है। केंद्रीय बजट में घोषणा के बाद कंपनी के अफसरों ने इसकी लॉन्चिंग को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बिजली जलाने से पहले मीटर को रिचार्ज करना होगा। जितने पैसे रहेंगे उतनी की ही बिजली जलेगी। पैसे खत्म होने पर बिजली काट दी जाएगी। हालांकि, बिजली मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद भी रीचार्ज के लिए 24 घंटे की मोहलत दी जाएगी। उसके बाद ही बिजली का कनेक्शन बंद किया जाएगा।
इस तरह करेगा काम
शहर में 3.60 लाख बिजली के उपभोक्ता हैं। मोबाइल रीचार्ज की तरह बिजली के मीटर में को रीचार्ज किया जाएगा। मीटर में जब तक पैसा रहेगा तब तक बिजली की सप्लाई होती रहेगी। रीचार्ज का बैलेंस खत्म होने पर ये अपने आप बंद हो जाएगी। दोबारा सप्लाई शुरू करवाने के लिए मीटर को रीचार्ज करवाना होगा। मीटर रीचार्ज करते ही बिजली की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
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वॉलेट, एटीएम, डेबिट कार्ड से होगा रिचार्ज
विशेषज्ञों और बिजली कंपनी के अफसरों के अनुसार प्री-पैड मीटर लगने के बाद लोगों को बिल जमा करने और विभाग को भी मीटर रीडिंग कराने के झमेले से निजात मिल जाएगी। बिजली कंपनी को बिल की वसूली के लिए समय और संसाधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। आम लोग वॉलेट, एटीएम, डेबिट कार्ड तथा बिजली कंपनी के रीचार्ज काउंटरों से प्रीपेड मीटर को रीचार्ज करा सकेंगे।
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मीटर का पैसा भी उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी
छत्तीसगढ़ बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि प्रीपेड मीटर के लिए पहले डीपीआर तैयार करने के साथ एक सिस्टम डेवलप किया जाएगा। यह भी तय किया जाएगा कि प्रीपेड मीटरों की लागत उपभोक्ताओं से किस तरह वसूली जाएगी। चूंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, इसलिए लोगों को किश्तों में भुगतान की व्यवस्था भी देने की जरूरत भी पड़ सकती है।
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प्रीपेड मीटर के फायदे
बिजली की खपत में कमी आएगी।
लोगों को पता रहेगा कि कितनी खपत करें।
बिल जमा करने काउंटर पर नहीं जाना पड़ेगा।
प्रीपेड मीटर के नुकसान
कभी भी अचानक बंद हो सकती है बिजली।
मीटर में छेड़छाड़ से बिजली चोरी की आशंका।
मीटरों से छेड़छोड़ की निगरानी नहीं हो सकेगी।
दिल्ली समेत कुछ राज्यों में प्रीपेड मीटर की शुरुआत
दिल्ली, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में प्रीपेड मीटर की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि अभी इन राज्यों में शत-प्रतिशत प्रीपेड मीटर नहीं लग पाए हैं।
20% उपभोक्ता बिल पटाने में करते हैं देरी
बिजली कंपनी को हर महीने औसतन 70% से 80% लोग ही तय समय पर बिल अदा करते हैं। बाकी लोगों को बिल चुकाने में दो-तीन महीने या उससे भी ज्यादा समय लगता है। नई व्यवस्था से बिजली कंपनी को पैसा पहले ही मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त कोई श्रम नहीं करना पड़ेगा।
लोगों को इस तरह मिलेगा फायदा
प्रीपेड मीटर में एक कार्ड रहेगा। कार्ड नंबर पर ही रीचार्ज कराना होगा। केंद्र सरकार के बजट के अनुसार लोग अपनी पसंद की बिजली उपलब्ध कराने वाली कंपनी का चुन सकते हैं। इस पर भी यदि अमल हुआ तो बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों के बीच प्रतिष्पर्धा बढ़ेगी और लोगों को इसका फायदा मिलेगा। ग्राहक बढ़ाने के लिए कंपनियां उपभोक्ताओं को ऑफर भी देंगी।
पांच जिलों में सिस्टम शुरू होने में लगेंगे 6 माह
हालांकि, बिजली कंपनी के डायरेक्टर एचआर नरवरे के अनुसार फिलहाल रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा सहित पांच जिलों को इसके लिए चुनाव किया गया है। स्मार्ट और प्रीपेड मीटर दोनों पर अभी काम किया जा रहा है। इस सिस्टम को शुरू करने अभी छह माह का समय लगेगा।
Updated on:
03 Feb 2020 07:12 pm
Published on:
03 Feb 2020 07:04 pm
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