
छत्तीसगढ़ PSC घोटाला... CBI की छापेमारी में पेपर लीक और गलत चयन के 7 आरोपी गिरफ्तार(photo-patrika)
CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव उनके बेटे डिप्टी कलेक्टर सुमित ध्रुव, टामन सोनवानी के भाई की पुत्रवधू डिप्टी कलेक्टर मिशा कोसले और करीबी रिश्तेदार को गिरफ्तार किया।
साथ ही उक्त सभी को सीबीआई के विशेष न्यायालय में शुक्रवार को पेश कर पूछताछ के लिए 22 सितंबर तक रिमांड पर लिया है। सीबीआई के लोक अभियोजक ने बताया कि सीजीपीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों ने अपने परिजनों, रिश्तेदारों और लेनदेन कर गलत तरीके से चयन कराया। वहीं परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक पर आरोप है कि उन्होंने पेपर लीक किया।
वर्ष 2021 में सीजीपीएससी भर्ती प्रक्रिया में 1 लाख 29206 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए। जिनमें से 2548 मुख्य परीक्षा के लिए चुने गए। इनमें 509 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार चरण पार किया और 170 को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। इसमें चयनित उम्मीदवारों में कई आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे जुड़े हुए थे।
इस घोेटाले की जांच करने के लिए सभी को रिमांड पर लेने की जरूरत है। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद पांडेय ने रिमांड आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि इस प्रकरण में उनकी पक्षकार आरती वासनिक संलिप्त नहीं थी। वह परीक्षा नियंत्रक थी। अभियोजन पक्ष ने इसे पेपर लीक होने और चयन प्रक्रिया में भूमिका निभाने का आरोप लगाते हुए 4 दिन का रिमांड मांगा।
साथ ही उक्त गिरफ्तारी चयन क्रिया में गड़बड़ी तथा पक्षपात से जुड़े मामलों की जांच करने के लिए की गई है।विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 3 दिन के रिमांड को स्वीकृति दी। सीजीपीएससी घोेटाले में इसके पहले इससे पहले 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इसमें 18 नवंबर 2024 को तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल, इसके बाद 10 जनवरी 2025 को नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष के भतीजे, डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक ) 12 जनवरी 2025 को शशांक गोयल और भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित) के साथ ही साहिल सोनवानी (डीएसपी पद के लिए चयनित) को गिरफ्तार किया गया। उक्त सभी आरोपी जेल भेजे गए हैं।
सीजीपीएससी की भर्ती प्रक्रिया में 2020 से 2022 के बीच हुई अनियमितताओं से जुड़ा मामला है। आरोप है कि इस दौरान आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा कर, प्रभावशाली राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के करीबी लोगों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी एवं अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया।
इस घोटाले के उजागर होने पर भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठने लगा। राज्य सरकार की अनुशंसा पर सीबीआई ने 9 जुलाई 2024 को केस रजिस्टर्ड कर जांच शुरू की और छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद किए।
सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी कर संदेह के दायरे में आने वाले अन्य लोगों को तलब किया जाएगा। जिन लोगों को गलत तरीके से भर्ती परीक्षा में चयन किया गया है, उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी। साथ ही गड़बड़ी में शामिल अन्य अफसरों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा। आगे की कार्रवाई आरोपियों से पूछताछ करने के बाद की जाएगी।
Updated on:
20 Sept 2025 11:18 am
Published on:
20 Sept 2025 11:17 am
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