
Child Molestation Case: भिलाई के एक स्कूल में एक अबोध बच्ची के साथ हुई छेड़छाड़ की गंभीर घटना ने अब तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को राजधानी में पत्रकारवार्ता ली। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराध और भिलाई की घटना को लेकर दुर्ग एसपी, स्कूल प्रबंधन और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने दुर्ग एसपी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो बिना एफआईआर दर्ज किए घटना की जांच कर ली। एसपी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। (Child Molestation Case) बघेल ने इस मामले में एसपी की भूमिका की जांच करने की मांग की है।
उनका कहना है कि मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराना चाहिए। साथ ही इस मामले में कांग्रेस सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है।
पूर्व सीएम बघेल ने कहा, भिलाई की घटना 5 जुलाई की है। (Child Molestation Case) उनका आरोप है कि इस मामले में सीधे एसपी ने लापरवाही बरती है। एसपी ने स्कूल कैंपस में पालकों से तथा मीडिया में घटना होने से इनकार किया। दो-दो चिकित्सकों की रिपोर्ट साफ बता रही है कि बच्ची के साथ गलत हुआ है फिर एसपी ने किस आधार पर यह कह दिया कि कुछ नहीं हुआ।
बघेल ने कहा, यह मामला बहुत ही गंभीर है और पॉक्सो एक्ट का मामला है। एक अबोध बच्ची के साथ दुराचार का मामला है। नियमानुसार पहले इस मामले में एफआईआर होनी थी तब उसके बाद जांच किया जाना था। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस ने मेडिकल बोर्ड के सामने बच्ची का परीक्षण क्यों नहीं करवाया?
Child Molestation Case: इस पूरे मामले में एसपी का बयान बेहद ही गैर जिम्मेदाराना तथा आरोपियों को बचाने वाला है। उन्होंने कहा, पॉक्सो एक्ट की धारा 21 में प्रावधान है कि कोई पुलिस अधिकारी रिपोर्ट लिखने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। इसमें सजा का भी प्रावधान है।
पत्रकारवार्ता को प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू और पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी संबोधित किया। (Child Molestation Case) उन्होंने कहा, पुलिस अपना मूल काम अपराधों पर अंकुश लगाने के बजाय सरकार की चाटुकारिता में लगी है।
Updated on:
31 Aug 2024 12:15 pm
Published on:
31 Aug 2024 12:14 pm
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