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चिंतन शिविर 2.0: CM साय समेत मंत्रियों ने किया योगाभ्यास, PM के आर्थिक सलाहकार ने दी आर्ट ऑफ गुड गवर्नेंस की सीख

Chintan Shivir 2.0: भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर में सोमवार को साय कैबिनेट का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 समाप्त हो गया।

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CM साय समेत मंत्रियों ने किया योगाभ्यास (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CM साय समेत मंत्रियों ने किया योगाभ्यास (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Chintan Shivir 2.0: भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर में सोमवार को साय कैबिनेट का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 समाप्त हो गया। यह शिविर सरकार के कामकाज को और अधिक प्रभावी एवं जन-हितैषी बनाने के उद्देश्य से किया गया था।

शिविर के दूसरे दिन प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने साय कैबिनेट को आर्ट ऑफ गुड गवर्नेंस की बारीकियां बताई। इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित मंत्रिमंडल के तमाम सहयोगियों ने योगाभ्यास कर अपने दिन की शुरुआत की।

शिविर में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने विषय विशेषज्ञों के साथ सुशासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए। वहीं पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य सान्याल ने "आर्ट ऑफ गुड गवर्नेंस" विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने, राज्य की क्षमताओं में वृद्धि करने, अनावश्यक नियमों को हटाने तथा सरकारी एजेंसियों के पुनर्गठन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि सरकारें अपने नीति-निर्धारण और कार्यान्वयन की गुणवत्ता को कैसे अधिक प्रभावी बना सकती हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत तथा भारतीय प्रबंध संस्थान के निदेशक राम काकानी भी उपस्थित थे।

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Chintan Shivir 2.0: डिजिटल तकनीक से सशक्त होंगी स्वास्थ्य सेवाएं: डॉ. गुप्ता

डिजिटल हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकें और सुशासन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया, डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। उन्होंने ई-हेल्थ रिकॉर्ड्स, टेलीमेडिसिन, मोबाइल हेल्थ ऐप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उपाय बताए। उन्होंने कहा, डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त होती हैं।

विश्वास बढ़ाती है पारदर्शी शासन प्रणाली: माहुरकर

राजनीतिक विश्लेषक और लेखक उदय माहुरकर ने "गुड गवर्नेंस टू इलेक्शन" विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सशक्त और पारदर्शी शासन प्रणाली लोकतंत्र में जनता का विश्वास बढ़ाती है और चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करती है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर सुशासन को मजबूत करने, चुनावों में पारदर्शिता लाने और प्रशासन में नैतिक मूल्यों की स्थापना के उपायों पर भी प्रकाश डाला।