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पूर्व CM के करीबी केके का बड़ा खेल, रिक्शा और जोमैटो वालों के खातों से 400 करोड़ का किया ट्रांजेक्शन, जानिए कैसे?

Crime News: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सहयोगी केके श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रायपुर पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

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Crime News: पूर्व सीएम के करीबी रहे केके श्रीवास्तव का मामला 15 करोड़ की ठगी तक ही नहीं सिमटा है, इसमें ब्लैकमनी को व्हाइट करने के बड़े खेल का पता चला है। ठगी के मामले की जांच के दौरान पुलिस ने केके और उनके कुछ सहयोगियों के बैंक खातों की फॉरेंसिक ऑडिट कराई, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसमें रिक्शेवाला, जोमैटो वालों के बैंक खातों के जरिए करीब 400 करोड़ रुपए इधर-उधर किए गए हैं। इससे बड़ी पैमाने पर मनी लॉड्रिंग का भी शक ह्रै।

फिलहाल पुलिस ने सोमवार को हाईकोर्ट में केस डायरी के साथ फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट भी पेश किया। इसके बाद हाईकोर्ट ने केके की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने इसे बड़ा मामला मानते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी केके की ओर से ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एस मुरलीधर ने पैरवी की थी।

क्या है मामला

कांग्रेस सरकार में खुद को पूर्व मुख्यमंत्री का करीबी बताकर ठेकेदार को 500 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर आरोपी केके ने दिल्ली के रावत एसोसिएट के डायरेक्टर अर्जुन रावत से 15 करोड़ की ठगी की है। वर्ष 2023 में अर्जुन अपने आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन के साथ रायपुर आए थे। उन्होंने ही अर्जुन की केके से मुलाकात कराई थी। केके अनुरागीधाम के प्रमुख हैं। मुलाकात के बाद केके ने उन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का ठेका दिलाने के नाम पर रकम लिया था।

ठेका नहीं दिलाने दिलाया गया। इसके बाद रकम भी वापस नहीं की गई। इसकी शिकायत जून 2023 को अर्जुन ने पुलिस विभाग में की थी, लेकिन केके के दबाव के चलते मामला दर्ज नहीं हो पा रहा था। अब तेलीबांधा पुलिस ने केके और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना आदि धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी की गिरफ्तारी के पुलिस ने कई जगह छापे मारे, लेकिन अब तक उसका पता नहीं चल पाया है।

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अब आईटी करेगी जांच

फॉरेंसिक ऑडिट से ब्लैकमनी को खपाने का पता चला है। इसके बाद पुलिस इसे आयकर विभाग को सौंपेगी। तेलीबांधा में दर्ज ठगी के मामले में केके की गिरफ्तारी की जाएगी, लेकिन आय से अधिक और ब्लैकमनी के मामले की जांच आयकर विभाग और उसके बाद ईडी को सौंपा जाएगा। दरअसल इसमें दूसरों के बैंक खातों के जरिए बड़ी राशि महाराष्ट्र सहित अन्य कुछ राज्यों के अज्ञात लोगों के खातों में भेजने का भी पता चला है। फिलहाल पुलिस ने आयकर विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा है।

बैंक खातों की फॉरेंसिक ऑडिट कराई

पुलिस ठगी के मामले की जांच के दौरान आरोपी के बैंक खातों की फॉरेंसिक ऑडिट कराई। इसमें करोड़ों के लेन-देन का पता चला है। इसलिए जांच के लिए आयकर विभाग को पत्र लिखा गया है।