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एक जैसी साड़ी, एक जैसा गहना… रिश्तों में अपनापन की अनोखी मिसाल बनीं देवरानी-जेठानी, जानें क्या है इनकी कहानी!

Jethani Devrani Bonding: छत्तीसगढ़ के रायपुर शुरू हुई यह खास बात अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है, जहां दो देवरानी-जेठानी की जोड़ी ने सबका ध्यान खींचा, क्योंकि उनका पहनावा, साज-सज्जा, गहने और यहां तक कि हेयरस्टाइल तक एक जैसा था।

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देवरानी-जेठानी बनी मिसाल (फोटो सोर्स- पत्रिका)

देवरानी-जेठानी बनी मिसाल (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Chhattisgarh Unique Story: @ ताबीर हुसैन। भारतीय संस्कृति में परिवार केवल खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि भावनाओं, अपनत्व और सामंजस्य से भी जुड़ा होता है। इन्हीं रिश्तों में एक ऐसा रिश्ता होता है- देवरानी और जेठानी का, जो भले ही उम्र, अनुभव या भूमिका में भिन्न हो, लेकिन जब आपसी समझ और प्यार गहराता है, तो वह हर रूप में झलकने लगता है।

रिश्तों में अपनापन की अनोखी मिसाल बनीं देवरानी-जेठानी

आज के दौर में जहां पारिवारिक रिश्ते अक्सर तनाव, प्रतिस्पर्धा और टकराव की कहानियों से भरे होते हैं, वहीं राजधानी रायपुर में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया और भावुक भी कर दिया। मौका था वल्लभ नगर महिला केंद्र की मासिक बैठक का, जो संत ज्ञानेश्वर स्कूल में आयोजित की गई थी। मंच पर जब अनिता चौहान और हेतल चौहान एक साथ पहुंचीं तो हर किसी की नजरें ठहर गईं।

एक जैसी साड़ी, एक जैसा गहना…

दोनों देवरानी-जेठानी, लेकिन एक जैसी साड़ी, एक जैसे गहने, एक जैसा मेकअप और यहां तक कि चूड़ियों का रंग भी एक जैसा। लोगों ने जब नज़दीक से देखा, तो हैरानी और सराहना के बीच तालियों की गूंज उठी।

12 साल की साझी जिंदगी - कोई शिकवा नहीं

अनिता और हेतल पिछले 12 वर्षों से एक ही घर में रह रही हैं। लेकिन सबसे खास बात यह है कि उनके बीच न कभी तुलना हुई, न कोई झगड़ा। उल्टा, उन्होंने परिवार को एक सूत्र में बांधने का काम किया। बेटियों की तरह एक-दूसरे के साथ खड़ी रहीं। पसंद-नापसंद, त्योहार की तैयारी से लेकर किचन के काम तक दोनों में गजब की समझ और सहयोग देखने को मिला।

तोहफा भी सेम

महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले ने बताया कि कोई भी रिश्तेदार या घरवाला जब इनके लिए तोहफा लाता है, तो दो एक जैसे लाता है। इनका आपसी प्रेम और सामंजस्य महिला केंद्र की बाकी सदस्यों के लिए प्रेरणा बना। लोग इस जोड़ी को "ट्विनिंग बहुएं" कहकर बुला रहे हैं।

रोचक गतिविधियां

बैठक में तीज उत्सव पर विचार के साथ कई रोचक गतिविधियां भी हुईं। शुभांगी आप्टे ने ताश के पत्तों से खेल खिलवाया, तो गानों की धुनों पर हाउजी खेला गया। विठालकर ने एक गेम के माध्यम से ड्रेसिंग सेंस पर टिप्स दिए और अंत में तुलसी का पौधा लगाकर पर्यावरण जागरुकता का संदेश दिया गया।

एक जैसी सोच, एक जैसी पसंद

आमतौर पर देखा जाता है कि एक ही परिवार की दो बहुओं के रहन-सहन में थोड़ा अंतर होता है। लेकिन जब देवरानी और जेठानी एक जैसी साड़ी पहनें, समान गहनों से सजें, और पूरे सामंजस्य से सार्वजनिक आयोजनों में शामिल हों तो यह केवल फैशन स्टेटमेंट नहीं बल्कि रिश्तों में गहराई का प्रतीक बन जाता है।

सौहार्द और समानता की मिसाल

यह दृश्य न सिर्फ देखने में सुंदर लगता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि परिवार में महिलाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोग, समर्थन और सम्मान का रिश्ता है। ऐसा तालमेल बहुत कम देखने को मिलता है और यह नई पीढ़ी को भी एक प्रेरणा देता है।

त्योहारों और आयोजनों में छाई जोड़ी

त्योहारों, पारिवारिक फंक्शनों या मंदिर दर्शन के समय, जब देवरानी-जेठानी की यह जोड़ी एक जैसे लुक में नजर आती है, तो आस-पास के लोग भी उन्हें देखकर मुस्कुराए बिना नहीं रहते। नारी सौंदर्य के साथ-साथ एकता और अपनापन का यह दृश्य, परिवार की मजबूती को दर्शाता है।

समाज को दिया सकारात्मक संदेश

जहां अक्सर महिलाएं एक-दूसरे से तुलना करती हैं, वहीं अनिता और हेतल ने यह दिखाया कि रिश्तों में प्रतिस्पर्धा नहीं, साझेदारी जरुरी होती है। उनकी यह एकरूपता सिर्फ पहनावे तक सीमित नहीं, बल्कि सोच और व्यवहार में भी दिखाई देती है। उनका मानना है कि “हम अलग होकर भी एक हैं, क्योंकि घर को चलाना हमारा साझा दायित्व है।”


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