
जेल (प्रतीकात्मक फोटो)
DMF Scam: डीएमएफ घोटाले में जेल भेजे गए कोरबा जनपद पंचायत के चार तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) की जमानत को कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।
ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश की अदालत में कोरबा के तत्कालीन नोडल अधिकारी डीएमएफटी भरोसाराम ठाकुर, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुनेश्वर सिंह राज, तत्कालीन जनपद मुय कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम मिर्झा और तत्कालीन जनपद मुय कार्यपालन अधिकारी वीरेंद्र कुमार राठौर ने जमानत के लिए आवेदन लगाया था।
इसमें बताया गया था कि ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए अपने दतर बुलाकर झूठे मामले में फंसाया है। जांच एजेंसी द्वारा इस प्रकरण में 27 मई 2025 को चालान पेश किया जा चुका है। इसे देखते हुए साक्ष्य को प्रभावित करने की संभावना नहीं है। जमानत दिए जाने पर सभी शर्तो का पालन करेंगे।
अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्क में बताया कि डीएमएफ फंड के कार्यो में अनियमितता कर निविदा आवंटन में भुगतान स्वीकृति के बदले अवैध रूप से कमीशन लिए जाने के इनपुट मिले हैं। अब तक की जांच में 90 करोड़ 48 लाख के घोटाले हुए हैं। इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। इसे देखते हुए जमानत नहीं दिए जाने का अनुरोध किया। जिसे विशेष न्यायाधीश ने स्वीकार कर आवेदन को निरस्त कर दिया।
Published on:
31 May 2025 02:48 pm
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