
केदार कश्यप के इस्तीफे की मांग (Photo source- Patrika)
Employee slap case: कांग्रेस ने मंत्री केदार कश्यप पर जगदलपुर में कर्मचारी से मारपीट करने का आरोप लगाया है। इसके खिलाफ कांग्रेस ने रविवार को जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया। सोमवार को कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं ने राजधानी में मंत्री बंगले को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने रोकने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई।
रायपुर में कांग्रेसी गांधी मैदान कांग्रेस भवन से रैली निकालकर मंत्री का बंगला घेरने निकले थे। बंगले की ओर बढऩे से पहले ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कार्यकर्ताओं को मोतीबाग के पास रोक दिया। यहां कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बहस हो गई। कांग्रेसियों ने मंत्री केदार कश्यप के खिलाफ नारेबाजी कर इस्तीफा देने की मांग की। गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन से सैकड़ों कार्यकर्ता बाइक रैली के रूप में मंत्री बंगले की ओर रवाना हुए।
पुलिस ने उन्हें मोतीबाग चौक के पास रोक लिया, जिसके चलते पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की स्थिति बनी। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री के इस्तीफे की जोरदार मांग करते हुए नारेबाजी की। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर जनता की आवाज बुलंद की।
यदि भाजपा सरकार मंत्री केदार कश्यप का बचाव करती है तो यह साफ है कि वह जनता के सम्मान के बजाय अपने मंत्री की कुर्सी की रक्षा में जुटी है। कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक इस्तीफा नहीं होता। इस दौरान शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, उधोराम वर्मा, प्रमोद दुबे, अरुण जंघेल, प्रशांत ठेंगड़ी, बंशी कन्नौजे, अविनय दुबे, मुन्ना मिश्रा, मुन्ना सोनकर सहित अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे।
मंत्री केदार कश्यप द्वारा की गई मारपीट को भाजपा द्वारा कांग्रेस का षड्यंत्र बताया जाना हास्यास्पद है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मंत्री केदार कश्यप द्वारा जगदलपुर के रेस्ट हाउस में वहां के रसोइये से मारपीट की गई, उनकी मां को लेकर गालियां दी गईं। वह रसोईया खुद सामने आकर सोशल मीडिया एवं मीडिया में बताया कि मंत्री केदार कश्यप ने उसके साथ मारपीट की और मां की गालियां दी। मुख्यमंत्री कह रहे कि मंत्री से बात की है वे निर्दोष है।
Employee slap case: मुख्यमंत्री ने बिना पीडि़त से बात किए एकतरफा फैसला सुना दिया। उन्होंने कहा कि बेहद ङ्क्षचता और शर्म का विषय है कि भारतीय जनता पार्टी एक गरीब आदमी को न्याय देने के बजाय मंत्री को ही बचा रही है। जो चीज सामने है कम से कम उस पर तो भाजपा को गंभीरता से विचार करना चाहिए। ऐसे मंत्री को तो पदमुक्त करना चाहिए। मंत्री को फटकार लगाकर उन्हें आचरण सुधारने की नसीहत देनी चाहिए। सत्तारूढ़ दल जब इस प्रकार के आचरण को संरक्षण देगा, तब प्रदेश में अराजकता की स्थिति बन जाएगी।
Updated on:
09 Sept 2025 11:03 am
Published on:
09 Sept 2025 11:01 am
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