
विवादों के बीच स्कॉईवॉक निर्माण को हरी झंडी(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के बीच शास्त्री चौक में चर्चित स्कॉईवाक का निर्माण कराना फिजूलखर्ची है। इसकी उपयोगिता पर भी सवाल है। कैग की ऐसी रिपोर्ट सामने आई है। फिर भी पीडब्ल्यूडी का ब्रिज डिवीजन अधूरे स्कॉईवॉक का निर्माण पूरा कराएगा। इसका वर्कआर्डर जारी हो चुका है। अधूरे ढांचे को पूरा कराने में तेजी इसलिए नहीं आ पाई है, क्योंकि ट्रैफिक डायवर्ट करने की बड़ी समस्या है।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार सरकार की मंशा के अनुरूप स्कॉईवॉक जो अधूरा पड़ा था, उसे पूरा कराने का काम शुरू करा दिया गया है। ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए कलेक्टर और एसएसपी को भी पत्र भेजा गया है। करोड़ों रुपए का स्कॉईवॉक भाजपा और कांग्रेस की राजनीति की वजह से विवादों के घेरे में बना हुआ है।
कांग्रेस ये नहीं चाहती कि इसमें किसी तरह सरकारी खजाने से रुपए खर्च हों। इसी वजह से पिछले आठ सालों से स्कॉईवॉक का अधूरा पड़ा हुआ था, लेकिन पांच साल बाद सत्ता में वापसी के बाद फिर से अधूरे ढांचे को पूरा कराने के लिए भाजपा सरकार ने 37 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
जयस्तंभ चौक मल्टीलेवल पार्किंग से लेकर जेल रोड पर मेडिकल कॉलेज तक स्कॉईवॉक का ढांचा अधूरा पड़ा हुआ है। इसे पूरा कराने का काम शुरू हो रहा है। स्कॉईवॉक में अभी तक 46 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुका है। इसलिए 63 पिलर वाले इस स्कॉईवॉक के अभी जो 8 पिलर अधूरे हैं, उसे पीडब्ल्यूडी पहले पूरा कराएगा। फिर ऊपरी ढांचे का काम चलेगा।
यह स्कॉईवॉक वैसे तो 12 जगहों पर उतरेगा। परंतु सबसे ज्यादा सुविधा डीकेएस और डॉ. आंबेडकर अस्पताल सीधे तौर पर जुड़ जाने से मरीजों और उनके परिजनों को होगी। क्योंकि शास्त्री चौक, मल्टीलेबल पार्किंग के पास और दोनों अस्पताल के तरफ एस्केलेटर लगेगा। छह जगहों पर लिट की भी सुविधा होगी। ऐसे प्लान के साथ इसका निर्माण शुरू कराया गया था।
इस स्कॉईवॉक के अभी तीन जगहों पर पिलर्स बनाने का भी काम अधूरा है। इसे सबसे पहले बनाया जाएगा। इस समय आंबेडकर चौक के जेल रोड साइड के कार्नर पर कंटीली झाड़ियों को काटा गया है। इसी तरह उतार के लिए आंबेडकर चौक साइड का भी पिलर नहीं बना है। शास्त्री चौक में भी निर्माण कराना है। तब जाकर स्काईवॉक कुल 63 पिलर्स पर टिकेगा।
Published on:
21 Jul 2025 11:00 am
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