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Health Alert: बच्चों में बढ़ रही है लिवर से जुड़ी बीमारी, फैटी लिवर का हो रहे हैं शिकार, डॉक्टर ने बताई ये बड़ी वजह

Health Alert: फैटी लिवर की बीमारी अब केवल शराब पीने वालों तक सीमित नहीं है। अब यह स्कूली बच्चों, युवाओं व सामान्य लोगों में भी तेजी से बढ़ रही है।

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बच्चों में भी फैटी लिवर (फोटो सोर्स- Getty Images logo)

बच्चों में भी फैटी लिवर (फोटो सोर्स- Getty Images logo)

@पीलूराम साहू. Health Alert: फैटी लिवर की बीमारी अब केवल शराब पीने वालों तक सीमित नहीं है। अब यह स्कूली बच्चों, युवाओं व सामान्य लोगों में भी तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टरों के अनुसार इसका प्रमुख कारण बच्चों का मोबाइल पर देर तक व्यस्त रहना, फिजिकल एक्टीविटीज कम होना व वजन सामान्य से ज्यादा होना है। आंबेडकर, एम्स समेत निजी अस्पतालों के पीडियाट्रिक्स विभाग की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

डॉक्टरों के अनुसार, देश के 2023 के हैल्थ सर्वे में 17 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से ज्यादा था यानी वे मोटापा का शिकार थे। अगले 5-6 साल में मोटापे से ग्रसित बच्चों की संख्या 22 से 25 फीसदी पहुंच सकती है, जो चिंताजनक है। फैटी लिवर खानपान, बिगड़ी जीवनशैली से जुड़ा है।

लिवर में फैट 10 फीसदी से ज्यादा हो जाए तो यह स्वस्थ नहीं होता। एम्स आंबेडकर व निजी अस्पतालों की पीडियाट्रिक्स विभाग की ओपीडी में रोजाना ऐसे 15 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा रहा है। फैटी लिवर की शुरुआती लक्षण गर्दन के पीछे काले निशान, कॉलर साइज 17, गर्दन पर काली धारियां व हाथ-पैरों में सूजन से हो सकती है। यह संकेत हैं कि शरीर में फैट जमा हो रहा है।

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केस- 1. 12 वर्षीय छात्र को अपच व पैर में हल्की सूजन के बाद एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया गया। लक्षण को देखकर जब सोनोग्राफी की गई तो पता चला कि छात्र का लिवर फैटी है। उसका इलाज चल रहा है और डॉक्टर ने जंक फूड व मोबाइल फोन से दूर रहने कहा है।

केस- 2. 13 वर्षीय बालिका का वजन बचपन से सामान्य से ज्यादा था। वह भी फैटी लिवर का शिकार है। वीडियो गेम व मोबाइल में ज्यादातर रमे रहना इन्हें भारी पड़ गया। पैरेंट्स चिंतित है कि उनकी बेटी ठीक होगी या नहीं। डॉक्टरों ने ज्यादा आइली खाने से मना किया है।

डायबिटीज, बीपी व हार्ट की बीमारियों का रिस्क

डॉक्टरों के अनुसार फैटी लिवर केवल मोटे लोगों तक सीमित नहीं है। जिनके पेट के आसपास फैट जमा होता है, उन्हें भी यह रिस्क हो सकता है। फैटी लिवर से डायबिटीज, हाइपरटेंशन व हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पुरुषों की कमर 90 व महिलाओं की 80 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। खास बात ये है कि लिवर में खुद को रिपेयर करने की जबर्दस्त क्षमता होती है। दरअसल लिवर ट्रांसप्लांट में इसका 60 फीसदी हिस्सा दान किया जा सकता है।

4 से 5 सप्ताह में यह पहले की तरह बन जाता है। अगर फैटी लिवर लंबे समय तक बना रहे तो डायबिटीज के मरीजों को लिवर सिरोसिस बीमारी होने का रिस्क बढ़ जाता है।

टॉपिक एक्सपर्ट। मोटापा व कुपोषण के कारण बच्चों में फैटी लिवर के केस बढ़ रहे हैं। एम्स की ओपीडी में भी औसतन रोज एक से दो मरीज आते हैं। जरूरी है कि बच्चे मोबाइल फोन या टीवी के सामने लंबे समय तक न बैठे रहे। घर के बाहर भी खेलें। इससे मोटापा नहीं बढ़ेगा। कुपोषित बच्चों को संतुलित भोजन देने की जरूरत है। - डॉ. अतुल जिंदल, प्रोफेसर पीडियाट्रिक्स, एम्स रायपुर