
एक मूसलाधार बारिश और डूब गया पूरा सिस्टम (Photo source- Patrika)
Heavy Rain in Chhattisgarh: बीती रात तेज बारिश ने निगम प्रशासन के एक-एक दावे को पानी-पानी कर दिया। जब लोग नींद में थे तो उनके घरों और कॉलोनियों में जलजला फैल गया। रातभर लोग सो नहीं पाए। नाले-नालों की गंदगी का रेला घरों के किचन और बेडरूम तक भरा। मुसीबत ऐसी कि सुबह बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। इस आफत से गुस्साए प्रोफेसर कॉलोनी, बंजारीनगर कुशालपुर के सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए।
नारेबाजी करते हुए कुशालपुर और भाठागांव ओवरब्रिज के बीच रिंग रोड पर चक्काजाम कर दिया। अफसरों के काफी मान-मनौव्वल के बाद काफी देर बाद लोग शांत हुए। जब जाकर रिंग रोड से आवाजाही शुरू हो पाई। नगर निगम का ऐसा कोई जोन नहीं बचा, जहां मोहल्ले, कॉलोनियों के घरों में पानी नहीं भरा। सड़कें तो तालाब बन गई। उफान मारने लगी। शहर के बीच जयस्तंभ चौक हो या अनुपम गार्डन के सामने वाली रोड। 4 से 5 घंटे बाद पानी उतरा।
हैरानी ये कि महापौर और निगम आयुक्त बार-बार हिदायत, चेतावनी देते रहे कि लोगों के घरों में पानी न भरे, वह कुछ भी काम नहीं आया। पानी ऐसा भरा कि शहर के कई घरों के लोगों की नींद गायब हो हुई। प्रोफेसर कॉलोनी क्षेत्र के कुशालपुर तक और राजातालाब, अमलीडीह सहित दर्जनों जगह पूरा सिस्टम पानी में डूबा नजर आया।
विधायक पुरंदर ने बाइक से लिया जायजा: उत्तर क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा ने गायत्री नगर स्थित स्टील सिटी कॉलोनी का बाइक से जायजा लिया। उनके क्षेत्र में कई जगह पानी भरा। पॉलीथिन, सब्जियों के कचरे से जाम नालियों को साफ कराकर निकासी व्यवस्था बनाने के लिए निर्देश दिए। कई कॉलोनी के कई घरों में पानी भर गया था।
कॉलोनी और घरों में पानी भरने से लोगों का धैर्य जवाब दे गया। प्रोफेसर कॉलोनी और बंजारीनगर कुशालपुर के सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं ने घंटेभर तक रिंग रोड पर चक्काजाम प्रदर्शन किया। इससे रायपुर से लेकर भाठागांव तक वाहनों के पहिए थम गए। इतना आक्रोश था कि पुलिस बल और निगम के अफसरों की समझाइश के बाद भी लोग शांत नहीं हो रहे थे। उनका कहना था कि हर साल ये पैटर्न हो गया है। हर बार व्यवस्था सुधारने का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन 25 सालों से ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं। रोड में कमर तक पानी भरने से बेड रूम और किचन तक डूब गया। बच्चे स्कूल नहीं जा पाए।
निगम में नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने कहा कि निगम प्रशासन का दावा खोखला साबित हुआ। 10 जोनों में से कोई नहीं बचा, जहां पानी न भरा हो। इंदौर और कई शहरों का जायजा लेने जाते हैं, परंतु वैसा काम और सिस्टम अपनाते नहीं हैं। सुंदर नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, भाठागांव, राजातालाब, अवंती विहार, शांति नगर, शंकर नगर, जगन्नाथ नगर, सिविल लाइन वार्ड, जयस्तंभ चौक, अवनी विहार, मौदहापारा सभी जगह लोगों के घरों में आफत टूटी। ऐसी समस्या फिर ना हो, कार्ययोजना महापौर के साथ अधिकारियों को बनानी चाहिए।
राधास्वामी नगर के लोग पिछले कई महीने से पानी निकासी की गुहार लगाते रहे। उनका कहना है कि टिकरापारा तक पानी आता है। सुरेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि दूधाधारी मठ के खेत से होकर राधास्वामी नगर में भरता है। सर्वोदय स्कूल से कॉलोनी वाली रोड भी नाले में तब्दील हुई। इस समस्या के लिए केवल आश्वासन मिला।
प्रोफेसर कॉलोनी और बंजारीनगर कुशालपुर के लोगों ने बताया कि शुक्रवार रात 2 बजे से सुबह 7 बजे तक सैकड़ों लोग अपने घरों में कैद रहे। पानी निकासी नहीं हो रही थी। पहाड़ी तालाब का नगर निगम ने सौंदर्यीकरण कराकर इसमें पानी जाने से रोक दिया लेकिन, निकासी की कोई व्यवस्था नहीं बनाई। पहले कभी इतना पानी नहीं भरा। इस बार ऐसी आफत यहां आई।
पत्रिका टीम ऐसे कई क्षेत्रों में पहुंची, जहां लोग परेशान थे। अमलीडीह और प्रोफेसर कॉलोनी के बाजार चौक पानी टंकी अलमारी कारखाना रोड में दो दो बजे तक रेला चलता रहा। लोगों के सामने पानी में डूबी गाड़ियां खड़ी थीं। इसी क्षेत्र के भैया तालाब का ओवरलो का रेला कॉलोनी तरफ भरता रहा। सहर्ष राम, रामू देवांगन, विशेष निर्मलकर, नरेंद्र ठाकुर ने निगम के जिमेदारों को कोसते हुए कहा कि हर साल पानी निकासी का आश्वासन देते हैं, पर दो से तीन घंटे की बारिश ने सारे दावे की पोल खोल दी।
स्टेशन के करीब गुढ़ियारी तरफ के स्टेशन को जोड़ने के लिए जो अंडरब्रिज बनाया गया, उससे पानी नहीं निकल रहा। मोटर पंप खराब होने से एक्सप्रेस-वे तक लबालब हो गया। आवाजाही पूरे दिनभर नहीं हुई। लोगों को वापस जाना पड़ा।
महापौर मीनल चौबे और आयुक्त विश्वदीप ने कुशालपुर और प्रोफेसर कॉलोनी क्षेत्र के पार्षद बब्बी सोनकर और जयश्री नायक को लेकर सड़क पर घुटने तक पानी में निकलकर जायजा लिया। ऐसी जगह पर पप लगाकर लोगों के घरों से पानी खींचने और लंच पैकेट बांटने के निर्देश दिए।
जलभराव की समस्या इस बार सबसे अधिक जोन 5 और 6 में रही। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारी से सर्वे कर नया नाला बनाने का प्रस्ताव मांगा। कुकरीपारा, प्रोफेसर कॉलोनी, परशुराम नगर सहित अन्य निचले क्षेत्रों में जलमग्न जैसी स्थिति बनी। जोन 5 कमिश्नर खीरसागर नायक, जोन 6 कमिश्नर हितेन्द्र यादव को समझाइश दी गई।
महापौर और आयुक्त की फटकार के बाद अधीक्षण अभियंता ने जोन 5 एवं 6 के जलभराव क्षेत्रों से पानी निकासी के लिए इंजीनियरों के साथ तुरंत बैठक की। इसमें रिंग रोड और अशोक लीलेंड आदि विभिन्न जगहों से निकासी के प्वॉइंट्स पर फोकस करने कहा। इस दौरान पूरा अमला मौजूद था।
Heavy Rain in Chhattisgarh: मीनल चौबे, महापौर, रायपुर: प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने सुबह 6 बजे से घर से निकली। आयुक्त के साथ 1 बजे तक कुशालपुर और प्रोफेसर कॉलोनी में रही। कई घरों की अत्यंत दयनीय स्थिति देखकर मन व्यथित हुआ। शहर में ऐसी गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए जल्द विशेषज्ञ आर्किटेक्ट की एक टीम गठित करूंगी। तकनीकी सुझाव के अनुरूप उतनी राशि की मांग हम शासन से करेंगे।
Published on:
27 Jul 2025 09:25 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
