
CG Land Scam: शासकीय जमीन का बंदरबांट करने के लिए तरपोंगी के ग्राम सड्डू में तत्कालीन सरपंच नरेंद्र यादव ने अपने करीबी लोगों से लेनदेन कर फर्जी तरीके से जमीन आवंटित कर दी। जमीन के एवज में 10 से 50 हजार रुपए लेकर 179 लोगों शासकीय जमीन दी गई। 2016-17 में हुए खेल का खुलासा होने पर शासन ने उसे निलंबित कर दिया। हालांकि इस जमीन अब भी लोग काबिज है। इसमें शासकीयकर्मी से लेकर तत्कालीन सरपंच से लेकर उनके अन्य करीबी लोग शामिल है।
इसका खुलासा आरटीआई के जरिए स्थानीय सड्डू के ग्रामीण टाकेश्वर निर्मलकर को मिली। इसकी शिकायत उसके द्वारा रायपुर कलेक्टर, तिल्दा एसडीएम और तहसीलदार से की गई। आरटीआई से जानकारी लेने वाले टाकेश्वर ने बताया कि यह खेल पिछले काफी समय से चल रहा था। शासकीय जमीन को बेचने के बाद 2024 में इसका पट्टा वितरित किया गया। गांव की शासकीय जमीन को आबादी बताकर पट्टा बांटा गया है।
ग्रामीण ने दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर दावा पेश किया है कि तत्कालीन सरपंच ने तहसीलदार का हस्ताक्षर कर जमीन को बेचने का काम किया, जबकि तहसीलदार को इसकी जानकारी तक नहीं थी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को शिकायत करने के बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा तत्काल एक्शन लेते हुए सरपंच को हटाने के साथ ही घटनास्थल पर जाकर मौके का मुआयना किया गया।
गांव से लगे वन क्षेत्र में कब्जा करने तत्कालीन सरपंच के इशारे पर सैकडो़ं हरे-भरे पेड़ों की जमकर कटाई की गई। इस जमीन पर पेड़ों के ढूढ अब भी वहां पर देखे जा सकते हैं। वहीं, तालाब के किनारे तक की जमीन का जमकर बंदरबांट हुआ। इसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताया है। हालांकि उक्त जमीन को लेकर अब भी विवाद की स्थिति बनी हुई है।
पट्टे पर मिली 1000 से 2200 वर्गफीट जमीन को अधिकांश लोगों द्वारा दूसरे को बेचने की जानकारी भी मिली है। आपसी सहमति के आधार पर इसकी खरीद-फरोख्त हुई, जबकि नियमानुसार शासकीय जमीन स्थानीय पात्र ग्रामीण को नियमानुसार दिया जाना है। शासकीय कर्मी को इसकी पात्रता नहीं होती है। इसके बाद भी करीब आधा दर्जन शासकीय कर्मियों को पट्टे पर जमीन दी गई है।
तिल्दा एसडीएम आशुतोष देवांगन शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कराने पर तरपोंगी के ग्राम सड्डू में तात्कालीन सरपंच नरेन्द्र यादव को हटा दिया गया है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की अभी जांच चल रही है।
पूर्व सरपंच नरेन्द्र यादव ने कहा पंचायत में पारित प्रस्ताव के आधार पर जमीन का आवंटन किया गया। यह फैसला अकेले व्यक्तिगत नहीं लिया। जितने भी लोगों से राशि ली गई, वह पंचायत में रसीद सहित जमा कराई गई है। इस मामले में एसडीएम और कलेक्टर को लिखित जवाब दिया गया है। यह प्रकरण 2026-17 सरपंच के कार्यकाल के दौरान का है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए बर्खास्त किया गया है।
तिल्दा तहसीलदार विपिन पटेल ने कहा गांव में अवैध अतिक्रमण करने वालों को खाली कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इस जमीन पर कई लोगों ने प्लॉट की घेराबंदी और मकान बना लिया है। पटवारी की रिपोर्ट और संबंधित अतिक्रमण वाले क्षेत्र का मौका मुआयना किया गया है। इसमें फर्जीवाडा़ पाए जाने पर तत्कालीन सरपंच को निलंबित कर पद से हटा दिया गया है। नगरीय और पंचायत चुनाव के बाद अवैध अतिक्रमण कराने और जमीन पर काबिज लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
30 Jan 2025 12:39 pm
Published on:
30 Jan 2025 12:36 pm
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