CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के रायपुर में शराब घोटाले से अर्जित करोड़ों रुपए की अवैध वसूली में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 60 करोड रुपए की ‘मिठाई’ मिली। कमीशन के रूप में पूर्व मंत्री को मिली हिस्सेदारी को कोडवर्ड में मिठाई के नाम दिया गया था। हर महीने विभिन्न माध्यमों से पूर्व मंत्री के घर दो करोड रुपए पहुंच जाते थे। यह सिलसिला 2019 से लेकर 2023 तक चला।
वसूली की रकम को कवासी लखमा ने अपने बेटे, बेटी, बहू, करीबी रिश्तेदारों और परिचितों को रकम उधार दी। यही नहीं उन्होंने इस रकम का इस्तेमाल प्रॉपर्टी, कृषि भूमि, फैक्ट्री, दुकान, सुकमा में कांग्रेस भवन निर्माण और स्वयं के नाम पर मकान बनाने के लिए किया। ईओडब्ल्यू द्वारा विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किए गए 1187 पन्नों के चालान में इसका विस्तृत ब्योरा दिया गया है।
बता दें कि 2017 में नई शराब नीति लागू होने के बाद शराब के विक्रय का नियंत्रण शासन द्वारा शुरू किया गया। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य शराब ठेका प्रथा में ठेकेदारों की आपसी प्रतिस्पर्धा के साथ होने वाले विवाद और अवैध शराब बिक्री को रोकना था।
जांच एजेंसी ने लखमा सहित अन्य लोगों की भूमिका की जांच करने के बाद विशेष न्यायाधीश की अदालत में 19 फाइलों में 1100 पेज का चालान और 87 पेज का पूरक चालान पेश किया। इसमें घोटाले की विस्तृत जानकारी के साथ 79 गवाह से पूछताछ करने के बाद उनसे लिए गए बयान को शामिल किया गया है।
पूर्व आबकारी मंत्री ने रायपुर के सेल टैक्स कॉलोनी में शाहरुख खान के नाम से 73 लाख रुपए में मकान खरीदा था। यह राशि अपने करीबी हलीम खान को दी गई थी। इस मकान में कवासी लखमा रायपुर प्रवास के दौरान रहते थे।
वर्ष 2019 में नई सरकार आने के बाद शराब विक्रय से शासन को लाभ पहुंचाने के बजाय व्यक्तिगत रूप से अवैध वसूली करने के लिए सिंडिकेट बनाया गया इसमें नेता से लेकर शासकीय अधिकारी कर्मचारी कारोबारी और व्यक्तिगत लोग शामिल थे।
बेनामी संपत्ति खरीदी: कोर्ट में पेश किए चालान में बताया गया है की पूर्व आबकारी मंत्री ने अवैध वसूली की रकम से सुकमा में कांग्रेस भवन, पुत्र हरीश के लिए निवास स्थल का निर्माण, करीबी लोगों को लाखों रुपए उधर देने के साथ ही कारोबार में निवेश किया।
Updated on:
06 Jul 2025 12:13 pm
Published on:
06 Jul 2025 12:12 pm