
3200 करोड़ के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन, सिंडिकेट बनाने वाले आरोपी अब EOW की गिरफ्त में...(photo-patrika)
CG Liquor Fraud: छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईओडब्ल्यू ने 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, होटल कारोबारी नीतेश पुरोहित और उनके पुत्र यश से पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड पर लिया है। इसकी अवधि पूरी होने पर 25 सितंबर को पेश किया जाएगा। तीनों को गिरफ्तार करने के बाद शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया।
इस दौरान न्यायाधीश को बताया गया कि पूर्व आबकारी आयुक्त के खिलाफ ङ्क्षसडिकेट ऑपरेट करने में अहम रोल निभाने का आरोप है। घोटाले से उन्हें हर महीने 50 लाख रुपए मिलते थे। अब तक की जांच में पता चला है कि निरंजन दास पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य ने शराब घोटाला करने ङ्क्षसडिकेट बनाया।
इसके जरिए सरकारी शराब दुकानों से कमीशन, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाने, विदेशी ब्रॉन्ड की अवैध सप्लाई कराने और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब का विक्रय किया गया। उक्त गतिविधियों से राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया।
आबकारी आयुक्त निरंजन दास फरवरी 2023 में सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद अपनी रसूख और ङ्क्षसडिकेट से जुड़े प्रभावशाली लोगों की सिफारिश पर 2 साल की संविदा नियुक्ति देकर फिर आबकारी आयुक्त बनाया गया। इसका घोटाला उजागर होने पर गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाई। अंतरिम जमानत मिलने पर विदेश चले गए थे।
होटल संचालन की आड़ में हवाला कारोबार करने वाले नीतेश पुरोहित और उनका पुत्र यश अवैध वसूली की रकम को पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास तक पहुंचाते थे। दोनों घोटाले की रकम को ठिकाने लगाने के साथ निरंजन दास की रकम को ठिकाना लगाने का काम करते थे। इसके एवज में दोनों कमीशन लेते थे। दोनों की माध्यम से घोटाले की रकम संबंधित लोगों तक पहुंचती थी।
शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य की अग्रिम जमानत पर कोर्ट 22 सितंबर को सुनवाई करेगी। ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश की अदालत में कहा कि जिस आधार पर जमानत आवेदन लगाया गया है उसका जवाब पेश करने के लिए समय दिया जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि ईओडब्ल्यू की ओर से पेश किए गए जवाब के आधार पर वह अपना तर्क प्रस्तुत करेंगे। बता दें कि चैतन्य बघेल की ओर से अग्रिम जमानत के लिए पेश किए गए आवेदन में गिरफ्तारी पर सवाल उठाया गया है।
इसमें कहा गया है कि शराब घोटाले की जांच काफी समय से चल रही है। जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। साथ ही 6 चालान भी पेश किए, लेकिन किसी भी चालान और एफआईआर में चैतन्य का नाम नहीं है। इसके बाद भी ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। प्रकरण की जांच करने के बाद चैतन्य के खिलाफ 15 सितंबर को ईडी के विशेष न्यायालय में चालान पेश किया।
चैतन्य के आवेदन पर कोर्ट के फैसले के आधार पर प्रोटेक्शन वारंट और गिरफ्तारी का आवेदन ईओडब्ल्यू पेश करेगी। फिलहाल आवेदन को सुनवाई के लिए स्वीकार किए जाने पर अभियोजन पक्ष की ओर से किसी भी तरह का आवेदन नहीं लगाया गया है। बता दें कि 15 सितंबर को ईओडब्ल्यू चैतन्य को गिरफ्तार करने की तैयारी में जुटी थी। लेकिन, हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए जो आदेश/निर्देश दिए उसके अनुपालन में आवेदन वापस लिया।
शराब घोटाले में पेश चार्जशीट के अनुसार, नोएडा की प्रिज्म होलोग्राफिक सिक्योरिटी फिल्म्स को टेंडर दिलाने में निरंजन दास की अहम भूमिका रही। कंपनी के अयोग्य होने के बावजूद शर्तें बदली गईं और उसे काम दिया गया। इसके बाद डुप्लीकेट होलोग्राम बनाकर अवैध शराब की बिक्री सरकारी दुकानों के जरिए की गई।
टेंडर दिलाने के एवज में प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन तय हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि निरंजन दास और ङ्क्षसडिकेट ने झारखंड की आबकारी नीति बदलवाने साजिश रची। जनवरी 2022 में ढेबर और त्रिपाठी के साथ झारखंड अधिकारियों के साथ बैठक कर छत्तीसगढ़ मॉडल लागू कराया।
Published on:
20 Sept 2025 08:38 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
