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NEET की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर, 1289 में MBBS तो मात्र इतने में कर सकेंगे MD-MS की पढ़ाई

NEET Exam: नीट यूजी और पीजी में अच्छे स्कोर लाइए और 1289 रुपए में एमबीबीएस और 1000 रुपए सालाना फीस में एमडी-एमएस की पढ़ाई कीजिए।

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NEET Exam: नीट यूजी और पीजी में अच्छे स्कोर लाइए और 1289 रुपए में एमबीबीएस और 1000 रुपए सालाना फीस में एमडी-एमएस की पढ़ाई कीजिए। ये एम्स रायपुर में संभव है।

जानकारों के अनुसार इतनी कम फीस में देश के किसी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई नहीं होती। पिछले सालों में नीट में 660 से 670 स्कोर लाने पर एम्स में प्रवेश होता रहा है। इस बार कट ऑफ इससे कम जा सकता है। पिछले साल हाई कट ऑफ जाने के कारण 695 स्कोर वालों को एम्स में प्रवेश नहीं मिला था। एम्स में प्रवेश नीट यूजी की मेरिट सूची के अनुसार होता है।

एम्स में एमबीबीएस के साढ़े 4 साल के कोर्स की फीस 5800 रुपए है। जबकि पीजी के तीन साल के कोर्स में केवल 3 हजार रुपए लगते हैं। केंद्रीय संस्थान होने के कारण यहां छात्रों के लिए फीस सामान्य रखी गई है। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की एक साल की फीस 40 हजार तो निजी में 7.41 से 8.01 लाख रुपए है।

NEET Exam: निजी कॉलेजों में 33.34 से 36 लाख तक फीस

पूरे कोर्स की फीस की बात की जाए तो सरकारी मेडिकल कॉलेज में 1.80 लाख व निजी कॉलेजों में 33.34 से 36 लाख रुपए है। सरकारी व निजी कॉलेजों की तुलना में एम्स में कई गुना सस्ती पढ़ाई हो रही है। नीट यूजी 4 मई को हुई थी। इसका रिजल्ट 14 जून को आने की संभावना है। इसके बाद छात्र रैंक व स्कोर के अनुसार ये आकलन करेंगे कि उनका प्रवेश एम्स में हो सकता है या नहीं। एम्स समेत देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग जुलाई-सितंबर में शुरू होने की संभावना है।

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एम्स व मेडिकल कॉलेजों में सालाना फीस ऐसी

कॉलेज - एमबीबीएस - पीजी

एम्स - 1289 - 1000
सरकारी कॉलेज - 40 हजार - 20000
निजी कॉलेज - 8.01 लाख - 10 लाख

एम्स में 125, प्रदेश में एमबीबीएस की 2130 सीटें

एम्स में एमबीबीएस की 125 सीटें हैं, जहां देश के विभिन्न राज्यों के अलावा प्रदेश के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, पीजी की भी 100 से ज्यादा सीटें हैं। प्रदेश के 10 सरकारी व 5 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2130 सीटें हैं। केंद्र के अनुदान से चलने वाले एम्स में क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जाता है।

यही कारण है कि छात्रों को नहीं के बराबर फीस देनी होती है। होस्टल में जहां फ्री रहने की सुविधा है। मेस में खाने के लिए छात्रों को काफी मामूली खर्च करना पड़ता है। यही कारण है कि नीट यूजी करने वाले छात्रों का एक ही लक्ष्य होता है कि किसी तरह एम्स में प्रवेश हो जाए।

दुनिया के टॉप 100 में 23वें नंबर पर दिल्ली का एम्स

टॉप-100 कॉलेजों में दिल्ली का एम्स 23वें नंबर पर है। इस कॉलेज ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को भी पीछे छोड़ दिया। 2022 में यूएसए की एक मशहूर हैल्थ मैग्जीन के सर्वे में एम्स ने लोहा मनवाया है। दुनिया के मशहूर मेडिकल कॉलेज ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन से बेहतर कॉलेज एम्स को चुना गया। रायपुर में भी दिल्ली के एम्स जैसी पढ़ाई हो रही है। यही कारण है कि छात्र देश के किसी भी एम्स में प्रवेश को प्राथमिकता देते हैं।