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Medical College: डॉक्टर और पीजी छात्र की वॉइस रिकॉर्डिंग में चौंकाने वाले खुलासे, सुनकर नहीं कर पाएंगे यकीन

Medical College: डॉक्टर व पीजी के बीच बातचीत की वाइस रिकार्डिंग सामने आई है, जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट पीजी को डांट भी रहे हैं और समझाईश भी दे रहे हैं।

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Medical College: पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी के एचओडी द्वारा मेडिसिन विभाग के जूनियर डॉक्टर (पीजी छात्र) से कथित गाली गलौज व कॉलर पकड़ने के बाद माहौल गरमा गया है। इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है कि पीजी छात्रों को हर तीन मिनट में मरीज के नोट्स लिखने हैं।

बता दें कि ऐसा कहना है पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट का। दरअसल मेडिसिन के जिस पीजी छात्र ने कार्डियोलॉजी के एचओडी पर गाली गलौज करने व कॉलर पकडऩे का आरोप लगाया है, उन्होंने गुपचुप तरीके से डॉक्टर की वाइस रिकॉर्डिंग भी कर ली थी।

Medical College: वाइस रिकॉर्डिंग में चौंकाने वाले खुलासे

वाइस रिकॉर्डिंग में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें कार्डियोलॉजिस्ट पीजी को डांट भी रहे हैं और समझाईश भी दे रहे हैं। डॉ. स्मित श्रीवास्तव यहां तक कह रहे हैं कि पीजी काम करने लायक है या नहीं, हैल्थ चेकअप कराओ। नहीं है तो डिग्री कैंसिल कराओ।

कहीं ब्रेन में ट्यूमर तो नहीं है। नोट्स नहीं लिख पाने पर पीजी छात्र डॉ. सार्थक पाटिल कह रहा है कि रात में सो गया था इसलिए नोट्स नहीं लिख पाया। इस पर डॉक्टर कह रहे हैं, लिख, अभी लिख।

जानकारों के अनुसार ऐसी खड़ी बोली व सीनियर डॉक्टर की डांट से कोई भी पीजी छात्र दहशत में आ जाएगा। घटना के ठीक बाद छात्र मौके पर बेहोश भी हो गया था। इसका उल्लेख डीन को लिखे पत्र में भी है और कई प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी पुष्टि भी की है। मेडिसिन विभाग में सेकंड ईयर के स्टूडेंट सार्थक की ड्यूटी कार्डियोलॉजी विभाग में 1 अक्टूबर को लगी थी।

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कार्डियोलॉजिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग

Medical College: गाली गलौज व कॉलर पकडऩे की घटना 3 अक्टूबर की सुबह वार्ड की बताई जा रही है। तब नोट्स नहीं लिखने पर कंसल्टेंट डॉक्टर पीजी को डांटते व समझाईश दे रहे हैं। सार्थक के पिता डॉ. प्रशांत पाटिल नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के एचओडी हैं।

उन्होंने 3 अक्टूबर को डीन डॉ. तृप्ति नागरिया को भी अपने बेटे की वाइस रिकार्डिंग सुनाते हुए कार्डियोलॉजिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। डॉ. पाटिल का कहना है कि किसी भी बीमारी या मरीजों के नोट्स तीन मिनट में नहीं लिखने होते।

एनएमसी की गाइडलाइन में भी ऐसा नहीं है। (Medical College) मेरे बेटे को बीमार बताना कि ब्रेन में कहीं ट्यूमर तो नहीं है, यह कहना भी सही नहीं है। चूंकि एक अक्टूबर से ड्यूटी लगी थी इसलिए उनका बेटा प्रोटोकॉल व ड्यूटी समझने की कोशिश कर रहा था।