26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Sunday Guest Editor: कलारीपयट्टू में मिशा तीन साल से प्रदेश को दिला रही पदक, जानें पूरी कहानी…

Sunday Guest Editor: कोरबा की 19 साल की मिशा सिंधु कहती हैं कि लड़कियों को यदि मौका मिलेगा तो वे हर क्षेत्र में अच्छा कर सकती हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
कलारीपयट्टू में मिशा तीन साल से प्रदेश को दिला रही पदक(photo-patrika)

कलारीपयट्टू में मिशा तीन साल से प्रदेश को दिला रही पदक(photo-patrika)

Sunday Guest Editor: छत्तीसगढ़ के रायपुर में बीते 3 साल से छत्तीसगढ़ को कलारीपयट्टू खेल में लगातार पदक दिला रही कोरबा की 19 साल की मिशा सिंधु कहती हैं कि लड़कियों को यदि मौका मिलेगा तो वे हर क्षेत्र में अच्छा कर सकती हैं। पहले मैं यूथाई और थाई बॉक्सिंग करती थी लेकिन जब कलारीपयट्टू की जानकारी मिली तो लगा कि इसे ही लोगों के सामने लाना चाहिए, क्योंकि बहुत कम लोग इसे जानते हैं। मिशा अब खेल के साथ ही दिल्ली से ग्रेज्युएशन कोर्स कर रही हैं।

ये भी पढ़ें: Sunday Guest Editor: इनोवेशन की नई रोशनी, छत्तीसगढ़ से निकली उजाले की नई राह..

Sunday Guest Editor: मिला मौका, हुई सफल

मिशा कहती हैं कि मेरे कोच कमलेश देवांगन ने हमें खेल की बारीकियां सिखाई। उनके सिखाने के तरीके से ही खेल में हमारी रुचि बढ़ी। सेल्फ डिफेंस के तौर पर लोगों के सामने इसे रखा। साल 2021 में दल्लीराजहरा में ट्रेनिंग कैंप लगा। वहां कलारीपयट्टू सीखा। फिर केरल जाकर ट्रेनिंग ली और पहली ही बार नेशनल में ब्रांज मेडल मिला। उसके बाद तो लगातार पदक जीतने का सिलसिला शुरू हो गया।

पापा ने वेस्ट चीजों से बनाया खेल का सामान

2023 में गोवा में हुए नेशनल गेम में स्टिक फाइट में गोल्ड और ब्रांज मेडल मिले। साल 2025 में 38 वें नेशनल गेम में गोल्ड मेडल मिला ।

मिशा कहती हैं कि यदि आपमें हुनर है और घर से आपको सपोर्ट मिलता है तो आपकी सफलता तय होती है। मेरे पिता तो मेरे लिए बेकार पड़ी चीजों से ही खेल का सामान बना देते थे। हम लोग सामान्य परिवार से आते हैं। मेरा ऐसा मानना है कि खेल आपको मानसिक तौर पर सेहतमंद रखता है। इसके साथ ही आपके अंदर आत्मविश्वास भी बढ़ता है। मुझे किसी से डर नहीं लगता ।

मिशा सिंधु। कलारीपयट्टू खिलाड़ी