
NMC News:पीलूराम साहू @ प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी समेत जरूरी संसाधनों की कमी होने पर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने तगड़ा जुर्माना लगाया है। कांकेर पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका गया है। वहीं दुर्ग पर 4 लाख, बिलासपुर-अंबिकापुर पर 3-3 लाख, महासमुंद व जगदलपुर मेडिकल कॉलेज को 2-2 लाख पेनाल्टी देनी होगी। पेनाल्टी नहीं देने पर एमबीबीएस की सीटें कम करने की चेतावनी दी गई है। फैकल्टी व जरूरी संसाधनों की कमी को दो माह में दूर करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कॉलेजों की मान्यता खत्म की जा सकती है।
प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों पर पहली बार जुर्माना लगाया है। दो दिन पहले एनएमसी ने वर्चुअल मीटिंग की। इसमें प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन व प्रोफेसर जुड़े थे। फैकल्टी की जब गिनती की गई तो इन कॉलेजों में काफी कमी मिली। कांकेर, महासमुंद, कोरबा में कॉलेज की खुद की बिल्डिंग नहीं है।
जरूरी मशीनों की कमी भी पाई गई, जैसे एमआरआई व सीटी स्कैन। यही नहीं लैब में रीएजेंट की कमी पर भी एनएमसी ने इसे कमियों में शुमार किया। कुछ मेडिकल कॉलेजों के डीन ने पत्रिका को बताया कि जो डॉक्टर छुट्टी पर चल रहे हैं, उन्हें एनएमसी ने अनुपस्थित मान लिया। कॉलेजों की बात नहीं सुनी गई। वर्चुअल मीटिंग के बाद कॉलेजों का निरीक्षण भी किया गया। इसमें क्लास रूम से लैब मशीनों को दिखाया गया। इससे एनएमसी के अधिकारी असंतुष्ट नजर आए।
NMC News Chhattisgarh: प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 397 पद खाली है। 2022 से पीएससी से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियमित भर्ती भी नहीं हुई है। 44 एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर बनने के लिए पात्र है, लेकिन डीपीसी नहीं होने से दिक्कत हो रही है। इनका जब प्रमोशन हो जाएगा, तब निचले पद भी भरे जाएंगे। पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव व अब मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण कॉलेजों में संविदा भर्ती के लिए वॉक इन इंटरव्यू भी नहीं हो रहा है। इस कारण भी कॉलेजों में फैकल्टी की भारी कमी है। कांकेर में एनाटॉमी, पैथोलॉजी में एक भी फैकल्टी नहीं है। इस कारण वहां एमबीबीएस के रिजल्ट पर काफी सवाल भी उठे थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पीएससी से नियमित भर्ती की जरूरत है।
CG NMC News: प्रदेश के सबसे पुराने पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में 24 साल से डॉक्टर जमे हुए हैं। इनमें कई एचओडी व प्रोफेसर हैं। जहां फैकल्टी की कमी है, उन्हें वहां भेजा जा सकता है। उदाहरण के लिए कांकेर में पैथोलॉजी की एक भी फैकल्टी नहीं है, लेकिन रायपुर में 11 हैं। ऐसी ही स्थिति एनाटॉमी में भी है। दूसरे विभागों में पर्याप्त फैकल्टी है। कई डॉक्टर ट्रांसफर के डर से प्रमोशन भी मना कर चुके हैं। शासन रोटेशन में डॉक्टरों को नए कॉलेजों में भेजकर मान्यता बचा सकता है।
NMC News Medical College Guidelines: डीएमई डॉ यूएस पैकरा का कहना है कि जिन कॉलेजों पर जुर्माना लगाया गया है, वे शासन को सूचना देकर जुर्माना पटाएंगे। आचार संहिता के कारण कॉलेजों में संविदा भर्ती के लिए वॉक इन इंटरव्यू भी अटक गया है। फैकल्टी की कमी दूर कर कॉलेजों की मान्यता बचाई जाएगी।
NMC News Medical College Guidelines: डीन सिम्स डॉ केके सहारे का कहना है कि सिम्स में 20 फीसदी फैकल्टी की कमी है। जो डॉक्टर छुट्टियों पर चल रहे हैं, उन्हें एनएमसी ने अनुपस्थित मान लिया है। फैकल्टी समेत दूसरी कमियों को दो माह में दूर करने को कहा गया है। शासन को जुर्माने की जानकारी दी जाएगी।
Published on:
15 May 2024 10:37 am
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