
नॉन परफॉर्मिंग एसेट (फोटो सोर्स- AI)
Non Performing Asset: प्रदेश में कर्ज लेने वाले मस्त हैं और वसूलने वाले जिम्मेदार पस्त हैं। छत्तीसगढ़ में हर साल 6000 करोड़ से अधिक की लोन राशि लोग नहीं चुका रहे हैं। यह लोन बैंकों और सरकारी योजनाओं के तहत छोटे काम-धंधों से लेकर खेती-किसानी, घर, शिक्षा तक के लिए लिया गया है। लोन लेने के बाद समय पर चुका नहीं रहे हैं। इससे नॉन परफार्मिंग एसेट(एनपीए) बढ़ रहा है। बैंक वाले भी एनपीए राशि की वसूली नहीं कर पा रहे हैं। वसूली की प्रक्रिया भी कई सालों से चल रही है।
स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2025 तक राज्य की निजी और सरकारी बैंकों में कुल 6479.98 करोड़ रुपए का एनपीए हो गया है। छत्तीसगढ़ में सरकारी-निजी सहित कुल 46 बैंक हैं। इनके जरिए बैंक अपने प्राथमिकता व गैर प्राथमिकता वाले सेक्टरों के अलावा सरकारी योजनाओं के तहत करोड़ों के लोन देते हैं। इनमें से हर साल 6 हजार करोड़ से अधिक का लोन एनपीए हो रहा है। इतनी राशि लोन लेकर लोग चुका नहीं रहे हैं।
सरकारी-निजी बैंकों कृषि, घर, एजुकेशन आदि के लिए जरूरत के हिसाब से लोन लिया जाता है। लोन राशि चुकाने के लिए किस्त तय की जाती हैं। अगर किस्त 90 दिनों से अधिक समय तक जमा नहीं करते हैं, तो बैंक इसे एनपीए मानती है। अधिकांश सरकारी योजनाओं की राशि वसूली नहीं हो पाती है। हालांकि सभी बैंक अपने-अपने स्तर पर एनपीए वसूली की कोशिश करते हैं।
शासन की ओर से प्रायोजित योजनाओं का भी बुरा हाल है। एनआरएलएम, पीएमईजीपी, एनयूएलएम, आदिवासी स्वरोजगार योजना, अंत्योदय स्वरोजगार योजना, मुद्रा योजना आदि के तहत करोड़ों रुपए लिया गया है। लेकिन चुकाया नहीं। अलग-अलग गर्वनमेंट स्पांसर्स स्कीम में कुल एनपीए 3098.30 करोड़ है। इसमें लाभार्थियों की संख्या 175794 है।
हाउसिंग लोन में एनपीए वर्ष
2022 में 169.13 करोड़, वर्ष
2023 में 195.97 करोड़, वर्ष
2024 में 186.72 करोड़ और वर्ष 2025 में बढ़कर 203.52 करोड़ हो गई है।
एजुकेशन लोन के मामले में 2022 में 42.13 करोड़, 2023 में 46.93 करोड़, 2024 में 47.39 करोड़ और 2025 में 45.26 करोड़ रुपए एनपीए हो गया है। इसी तरह एमएसएमई के मामले में क्रमश: 2184.38 करोड़, 2185.74 करोड़, 2167.05 करोड़, 1984.15 करोड़ एनपीए है।
कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों के लोन नहीं चुकाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदेश के अलग-अलग बैंकों में वर्ष 2022 में 1322.63 करोड़, वर्ष 2023 में 1393.39 करोड़, वर्ष 2024 में 1372.76 करोड़ और 31 मार्च 2025 तक 1545.61 करोड़ रुपए एनपीए हो चुका है।
Updated on:
22 Aug 2025 12:33 pm
Published on:
22 Aug 2025 11:29 am
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