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10वीं-12वीं बोर्ड की तैयारी! ऑनलाइन क्लासेस और एक्सपर्ट वीडियो से मिलेगी मदद, शिक्षा विभाग ने तय किया लक्ष्य…

CG 10th-12th Board Exam: रायपुर राज्य के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। शिक्षा विभाग द्वारा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

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10वीं-12वीं बोर्ड की तैयारी! ऑनलाइन क्लासेस और एक्सपर्ट वीडियो से मिलेगी मदद, शिक्षा विभाग ने तय किया लक्ष्य...(photo-patrika)

10वीं-12वीं बोर्ड की तैयारी! ऑनलाइन क्लासेस और एक्सपर्ट वीडियो से मिलेगी मदद, शिक्षा विभाग ने तय किया लक्ष्य...(photo-patrika)

CG 10th-12th Board Exam: छत्तीसगढ़ के रायपुर राज्य के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। शिक्षा विभाग द्वारा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार की गई है। इसमें 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपेक्षित गुणात्मक सुधार लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। इसमें 10वीं में 50 प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी एवं 12वीं में 60 प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है।

CG 10th-12th Board Exam: राज्य में 10वीं-12वीं के परीक्षा परिणाम में होंगे सुधार

ऐसे ही 5 प्रतिशत बच्चे 80 प्रतिशत और 1 प्रतिशत बच्चे 90 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होने पर कार्य किया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा की परीक्षा में सभी विद्यार्थी शामिल हों और तृतीय श्रेणी एवं पूरक विद्यार्थियों की संया न्यूनतम करने का प्रयास किया जाएगा। बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए ऑनलाइन क्लास लगेंगी। सभी विषयों के महत्वपूर्ण टॉपिक के लेक्चर के वीडियो तैयार किए जाएंगे। इस बदलाव के लिए शिक्षा अधिकारियों के साथ ही शिक्षक और छात्र-छात्राओं को काम करना होगा।

बोर्ड परीक्षा में सुधार के लिए ये होंगे प्रयास

  1. मेंटर नियुक्ति: 10वीं एवं 12वीं के कमजोर बच्चों का पृथक-पृथक ग्रुप बनाकर प्रत्येक ग्रुप के लिए एक व्यायाता को मेंटर नियुक्ति किया जाएगा। मेंटर व्यायाता किसी विषय में उनकी कठिनाई स्वयं एवं अन्य विषय के व्यायाता की सहायता से दूर करेंगे। उनके प्रोग्रेस को सतत मॉनीटर कर प्राचार्यों से चर्चा करेंगे।
  2. ब्लू प्रिंट : प्रत्येक विषय के ब्लू प्रिंट के लिए विषयवार कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। व्यायाताओं की ब्लू प्रिंट पर समझ विकसित करने की दृष्टि से उनसे कार्यशाला में ही प्रश्न पत्र तैयार करवाए जाएंगे। विद्यार्थियों को विषयवार ब्लू प्रिंट लिखवाने के साथ ही उसके महत्व को समझाया जाएगा।
  3. हैण्डराइटिंग : कक्षा 9वीं से ही अच्छी हैण्डराइटिंग पर प्रयास करें, ताकि खराब हैण्डराइटिंग से रिजल्ट पर इसका दुष्परिणाम न पड़े।
  4. कमजोर विद्यार्थियों का चिन्हांकन : 9वीं एवं 11वीं के रिजल्ट के अनुसार कमजोर बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें प्रारंभ से ही सरल एवं मध्यम कठिनाई स्तर के प्रश्नों के उत्तर का सतत अभ्यास कराया जाएगा। प्रत्येक परीक्षा के उपरांत उनकी सुधारात्मक स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
  5. पालक शिक्षक बैठक (पीटीएम) : प्रत्येक परीक्षा के बाद पीटीएम का आयोजन किया जाएगा और उन्हें उत्तरपुस्तिका दिखाई जाएगी। विद्यार्थी घर में नियमित रूप से अध्ययन करें, इसके लिए पालकों को प्रेरित किया जाएगा।
  6. गृह कार्य : विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण प्रश्नों के गृहकार्य दिए जाएंगे और इसकी नियमित चेकिंग की जाएगी।
  7. परीक्षाओं का आयोजन : यूनिट टेस्ट, त्रैमासिक, छमाही एवं प्री-बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन ब्लू प्रिंट अनुसार किया जाएगा। मूल्यांकन कार्य गुणवत्तापूर्ण होगा। त्रैमासिक परीक्षा 3 यूनिट, छमाही 8 यूनिट एवं प्री-बोर्ड परीक्षा पूर्ण पाठ्यक्रम से ली जाएगी।
  8. पाठ्यक्रम पूर्णता : 15 दिसंबर तक पाठ्यक्रम पूर्ण कर दिया जाएगा। पाठ्यक्रम की समीक्षा प्राचार्य सतत रूप से करेंगे। जिला स्तर से विद्यालयों के पाठ्यक्रम पूर्णता की प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी।
  9. प्रश्न बैंक : जिलों के लिए प्रश्न बैंक तैयार किए जाएंगे। प्रश्न बैंक तैयार करने के लिए प्रति विषय 10-10 विषय विशेषज्ञों की टीम बनाई जाएगी। यह टीम न सिर्फ प्रश्न बैंक तैयार करेगी, बल्कि जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वहां 20 दिसंबर से 10 फरवरी तक टीम के रूप में कार्य करेगी।
  10. मेघावी छात्र : मेधावी छात्रों के लिए 27 जनवरी से 10 फरवरी के बीच कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें उन्हें उन प्रश्नों के मॉडल आंसर लिखने की जानकारी दी जाएगी और मेरिट में आने की दृष्टि से उनकी समस्त कठिनाई दूर की जाएगी। प्रश्न पत्र को हल करने आवश्यक टिप्स दिए जाएंगे।
  11. प्राचार्य समूह : प्राचार्यों के छोटे-छोटे समूह बनाकर समूचित रूप से परीक्षा परिणाम सुधार पर कार्य किए जा सकते हैं।
  12. शैक्षणिक मॉनीटरिंग : विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, ए.पी.सी., जिला शिक्षा अधिकारी एवं डाइट फैकल्टी नवंबर माह से ही प्रत्येक विद्यालय की सघन मॉनीटरिंग करेंगे एवं निश्चित समय अंतराल में स्थानीय स्तर पर इसकी समीक्षा करेंगे।
  13. विद्यार्थियों के लिए लक्ष्य : 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों से बार-बार चर्चा की जाएगी और उनके द्वारा परीक्षा के लिए लक्ष्य निर्धारण करवाए जाएंगे। साथ ही घर में पढ़ने का टाइम टेबल बनवाए जाएंगे।
  14. परीक्षा परिणाम : त्रैमासिक, छ:माही एवं प्री-बोर्ड का परीक्षा परिणाम एक सप्ताह में घोषित कर विद्यार्थियों से उत्तरपुस्तिका पर चर्चा की जाएगी। ऐसे प्रश्नों का अवलोकन किया जाएगा जिसका उत्तर अधिकांश विद्यार्थियों द्वारा नहीं दिया गया है। साथ ही उन टॉपिक्स का रिवीजन भी करवाया जाएगा।
  15. कोर ग्रुप निर्माण : जिले के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर उनकी कठिनाई दूर की जाएगी।