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सपना बुलेट ट्रेन का पर विकास के अभाव में धंसी पटरियों पर रेंग रही हैं गाड़ियां

पटरियों मरम्मत के लिए रविवार को रायपुर सेक्शन की रेलवे क्रॉसिंग पर मेंटेनेंस गैंग उतारा गया

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CGNews

सपना बुलेट ट्रेन का पर विकास के अभाव में धंसी पटरियों पर रेंग रही हैं गाड़ियां

रायपुर. लंबे समय से घिसी-पिटी और आधे से अधिक धंसी पटरी पर ट्रेनें मुख्य रेल लाइन पर अभी तक ट्रेनें दौड़ रही थीं। इनकी मरम्मत के लिए रविवार को रायपुर सेक्शन की रेलवे क्रॉसिंग पर मेंटेनेंस गैंग उतारा गया। गैंग ने वहां से पुरानी पटरी निकालकर नया ट्रैक लगा दिया है। इस दौरान डब्ल्यूआरएस क्रॉसिंग से सडक़ यातायात बंद रहा।

रेलवे गाडि़यों को रफ्तार से चलाने के लिए लगातार मशक्कत कर रहा है, लेकिन सालों पुरानी पटरियां खस्ताहाल होने के कारण ट्रेनें स्पीड नहीं पकड़ पा रही हैं। यही वजह से रायपुर से बिलासपुर जैसे ११० किमी की दूरी के बीच भी गाडि़यां फर्राटा नहीं भर पा रही हैं। मुख्य रेल लाइन की ही क्रॉसिंग की पटरी आधे से अधिक धंसी होने के कारण ट्रेन चालकों को स्पीड कम करनी पड़ती है। रायपुर सेक्शन केडब्ल्यूआरएस, उरकुरा जैसी बड़ी क्रॉसिंग पर गैंग उतारकर मरम्मत कराई गई।

हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल लाइन होने के बावजूद राजधानी के करीबी शहरों के बीच गाडि़यां स्पीड़ नहीं पकड़ पा रही हैं। एेसी स्थिति में एक्सप्रेस ट्रेनें जहां रायपुर-बिलासपुर जैसे प्रमुख शहर के बीच दो घंटे का समय ले रहीहैं, वहीं लोकल गाडि़यों से सफर करना बैलगाड़ी जैसा साबित होता है। राज्य के आस-पास के शहरों के बीच गाडि़यों की स्पीड़ रेलवे नहीं बढ़ा पाया है।

जबकि सालभर पहले ही रायपुर से बिलासपुर के बीच तीसरी रेल लाइन भी बनकर तैयार हो चुकी है, उस पर ट्रेन चलना भी शुरू हो गया है। स्पीड २० साल पहले जैसी ही रेल लाइन और लगातर मेंटेनेंस के दावे के बावजूद राजधानी के आसपास के प्रमुख शहरों रायपुर-बिलासपुर, रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, डोंगरगढ़ जैसे शहरों के बीच ट्रेनों की स्पीड कम रखनी पड़ती है।

इन ट्रैकों पर आज से २० साल पहले जिस स्पीड से पैसेंजर और एक्सप्रेस गाडि़यां चलती थीं, उसी गति से आज भी चल रही हैं। इसमें कोई सुधार नहीं आया है।