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ड्रग्स रैकेट में नेताओं-बड़े कारोबारियों के नाम, होटल-क्लब संचालकों पर भी अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

Raipur Drugs racket: विधानसभा रोड के विवादित क्लब में भी कई पार्टियां हो चुकी हैं,जिसमें नव्या और विधि शामिल हुई है। क्लब का मालिक महादेव सट्टा ऐप मामले में जेल जा चुका है।

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Raipur Drugs racket (Photo source- Patrika)

Raipur Drugs racket (Photo source- Patrika)

Raipur Drugs racket: राजधानी में ड्रग्स माफिया से जुड़ी इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक, विधि अग्रवाल सहित चार लोगों को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। पुलिस ने सभी को रिमांड पर लिया था। पूरे मामले में अब तक कई रसूखदारों के नाम सामने आ चुके हैं, लेकिन किसी पर जांच की आंच तक नहीं पहुंची है। नेता और बड़े कारोबारियों की भी मामले में संलिप्तता उजागर हुई है।

Raipur Drugs racket: महादेव सट्टा ऐप से जुड़ा है बड़ा लिंक

विधायक पुत्र, शराब घोटाले के आरोपी का बेटा जैसे कई रसूखदारों का कनेक्शन सामने आया है। जिन होटलों-रेस्टोरेंट और क्लबों में ड्रग्स लेने के लिए पार्टियां आयोजित होती थी, उनके खिलाफ भी किसी तरह का एक्शन नहीं लिया गया है। पुलिस के आरोपियों के मोबाइल से कई ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर मिले हैं, जो महादेव सट्टा ऐप से भी जुड़े रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कटोरा तालाब निवासी नव्या और अयान परवेज को पुलिस ने ड्रग्स तस्करी में नाम आने पर गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ के बाद इवेंट मैनेजर विधि और उसके सहयोगी ऋषिराज टंडन व अन्य आरोपियों को पकड़ा गया। नव्या, विधि व जेल में बंद हर्ष आहुजा व मोनू विश्नोई को भी रिमांड पर लिया गया।

विवादित क्लब में भी हो चुकी है ड्रग्स पार्टी

विधानसभा रोड के विवादित क्लब में भी कई पार्टियां हो चुकी हैं,जिसमें नव्या और विधि शामिल हुई है। क्लब का मालिक महादेव सट्टा ऐप मामले में जेल जा चुका है। जेल से वापस आने के बाद क्लब फिर शुरू कर दिया था। बताया जाता है कि महादेव सट्टा ऐप से जुड़े कई आरोपियों की यहां बैठक होती थी। इस दौरान ड्रग्स पार्टी भी होती थी।

1000 से ज्यादा हैं कंज्यूमर और डिस्ट्रीब्यूटर

Raipur Drugs racket: राजधानी में ड्रग्स का नशा तेजी से बढ़ा है। इसके चलते तस्करी भी बढ़ी है। दिल्ली-मुंबई के ड्रग्स माफिया एमडीएमए जैसी ड्रग्स यहां बेच रहे हैं। नव्या और अयान का मुंबई में ज्यादा आना-जाना था। वहां से ड्रग्स लाकर स्थानीय होटल और क्लब संचालकों और उनके मैनेजरों के जरिए छोटी-छोटी टेक्नो और एनीमल पार्टी का आयोजन करते थे। जांच में आरोपियों के मोबाइल से 1000 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं, जिन्हें प्रारंभिक रूप से ड्रग्स कंज्यूमर और डिस्ट्रीब्यूटर माना जा रहा है।