
Chhattisgarh News: रायपुर शहर की दो ऐसी प्रमुख सड़कें, जिसके बॉटलनेक होने की मुसीबत शहर के लोग हर दिन झेल रहे हैं। हर दिन आने-जाने के दौरान परेशान होते हैं। जबकि इन दोनों सड़कों के 800-800 मीटर के दायरे का चौड़ीकरण करना था। इसका प्रस्ताव भी बना, लेकिन आज तक कोई काम हुआ नहीं। हैरानी ये कि जैसी स्थिति फूलचौक से तात्यापारा के बीच है, वैसी ही हाल डीडीनगर के गोल चौक से एनआईटी तरफ आने वाली सड़क का भी है। इस रोड पर पिछले दो-तीन सालों के अंदर बड़े-बड़े व्यावसायिक कांप्लेक्स बन गए, परंतु चौड़ीकरण कराने में जिम्मेदारों ने कोई रुचि नहीं दिखाया। नतीजा, जब भी साइंस कॉलेज मैदान में कोई बड़ा सरकारी समारोह होता है, तो वीआईपी काफिला इसी रास्ते होकर निकलता है।
फूल चौक से तात्यापारा के बीच भी ऐसा ही पेंच
पिछली 15 वर्षों से सबसे व्यस्ततम जीई रोड का एक हिस्सा फूलचौक से तात्यापारा के बीच चौड़ीकरण के दावों के बीच उलझा हुआ है। यह ऐसा पेंच है, जहां हमेशा शहर के लोगों की ट्रैफिक जाम से निकलने में सांसें फूलती हैं। इस समस्या को देखते हुए पिछली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय चौड़ीकरण का भूमिपूजन किया और 135 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति भी दी। सरकारी महकमे में तालमेल के अभाव में यह तय नहीं हो पाया कि दोनों तरफ 15-15 फीट तक तोड़फोड़ होने से मुआवजे के रूप में कितनी राशि लगेगी। न ही प्रभावितों को सूचीबद्ध किया गया। निगम के अधिकारी तो अब यह तर्क देने लगे हैं कि सब कुछ जिला प्रशासन के राजस्व विभाग को करना है।
वीआईपी मूवमेंट की सबसे बड़ी कनेक्टिविटी
साइंस कॉलेज मैदान में सरकारी आयोजन होते हैं। वहीं इसी परिसर से लगा हुआ सबसे बड़ा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम होने से महीने में कई बार बड़े सम्मेलन और समारोह आयोजित किए जाते हैं। चूंकि जीई रोड में हमेशा सबसे अधिक ट्रैफिक रहता है, इसलिए मंत्रियों और मुख्यमंत्री का काफिला रिंग रोड से गोलचौक होते हुए साइंस कॉलेज मैदान में पहुंचता है। इसी रास्ते से वापस लौटता है। इस लिहाज से शहर की जीई रोड की गोल चौक रोड सबसे जरूरी कनेक्टिविटी वाली रोड बन चुकी है। लेकिन लगभग 800 मीटर का दायरा काफी संकरा होने के कारण समारोह के दौरान दोनों तरफ की आवाजाही रोकने के बाद ही काफिला निकल पाता है। उस सड़क का चौड़ीकरण अधर में अटका हुआ है।
मुआवजा क्लीयरेंस के इंतजार में एस्टीमेट अटका
सितंबर में फूलचौक-तात्यापारा के बीच चौड़ीकरण कराने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तीय स्वीकृति देते हुए यह साफ कर दिया था कि निर्माण पीडब्ल्यूडी कराएगा। इसके बाद सत्ता बदल गई। अब स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर लोक निर्माण के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा क्लीयरेंस होने का प्रस्ताव मिलने के बाद ही एस्टीमेट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। वैसे चौड़ीकरण की अनुमानित लागत 6 करोड़ के आसपास आंकी गई है। बाकी बजट मुआवजा भुगतान में ही खर्च होगा।
फूलचौक-तात्यापारा चौड़ीकरण को लेकर निगम में अभी कुछ नहीं हो रहा है। मुआवजा प्रकरण जिला प्रशासन के राजस्व विभाग को तय करना है। गोलचौक-एनआईटी रोड का फंड मिलने पर चौड़ीकरण जरूर किया जाएगा। - अभिषेक अग्रवाल, अपर आयुक्त, पीडब्ल्यूडी नगर निगम
शहर के फूलचौक-तात्यापारा के बीच चौड़ीकरण कराने की वित्तीय स्वीकृति मिलने की जानकारी है, परंतु एस्टीमेट बनाने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। जब तक प्रभावितों को मुआवजा क्लीयरेंस का प्रस्ताव विभाग को नहीं मिल जाता। - डीके नेताम, अधीक्षण अभियंता, रायपुर सर्कल पीडब्ल्यूडी
Published on:
03 Feb 2024 09:49 am
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