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अनोखे मंदिर: कहीं उमड़ती है चूहों की भीड़ तो कहीं की देवी मां को आता है मासिक धर्म

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एेसे धार्मिक स्थलों के बारे में जो अपनी शक्तियों एवं अनोखे ढंग के कारण मशहूर हैं...

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Surya Pratap Goutam

Nov 02, 2016

unique temple

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सूर्यप्रताप सिंह/रायपुर.
भारत धर्म और आस्था में अग्रणी देश है एवं यहां वैदिक सभ्यताओं का जन्म हुआ है। लोगों में धर्म, परंपरा और ऋचाओं के प्रति एक सम्मानीय भावना रहती है। भारत में मंदिरों का बड़ा महत्व है देश का एेसा कोई भी कोना नहींं हैं जहां मंदिर या कोई धार्मिक स्थल न हो चाहे वह किसी भी मजहब का क्यों न हो। नेकिन कुछ मंदिर अपनी खास वजह के कारण मशहूर हो जाते हैं। अगर आपसे कहा जाए कि हमारे भारत में एेसा मंदिर है जहां कि देवी की मूर्ति भी मासिक धर्म से होती है तो आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह सच है।


हिन्दू धर्म में मंदिरों का निर्माण सिर्फ इसलिए नहीं होता था कि लोग ईश्वर पर अपनी आस्था रखते हैं, बल्कि मंदिरों को इसलिए भी बनवाया जाता था कि उस पुरे इलाके में वह एक ऐसा केंद्र बन सके जो खगोल विज्ञान और वास्तु की दृष्टि से बिलकुल सही हो। लेकिन भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जो न तो खगोल और वास्तु विज्ञान के अनुसार बनाये गए हैं बल्कि वे सारे मंदिर श्राप के चलते कुछ समय में उजाड़ भी हो गए थे। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एेसे धार्मिक स्थलों के बारे में जो अपनी शक्तियों एवं अनोखे ढंग के कारण मशहूर हैं।



राजस्थान के बीकानेर में बने करणी माता मंदिर को ही चूहे वाला मंदिर कहा जाता हैं। इस मंदिर की सबसे दिलचस्प बात यह हैं कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं से ज्यादा चूहे आते हैं। कभी कभी इन चूहों की संख्या इतनी ज्यादा होती हैं कि यहाँ आये लोगो की अपने पैर घसीट कर चलने पड़ते हैं ताकि उन चूहों को चोट न पहुचें।



भारत के असम में स्थित यह मंदिर माता पार्वती के कामाख्या रूप का प्रतीक हैं। इस मंदिर को तांत्रिक विद्या के लिए उपयुक्त माना जाता हैं। कहा जाता हैं कि साल में एक बार मंदिर में बैठी माता भगवती को बाकि स्त्रियों की तरह मासिकधर्म आता हैं और मंदिर के गर्भ में स्थित महामुद्रा जिसे योनि तीर्थ भी कहा जाता हैं, उस स्थान से पानी के साथ तीन दिन तक रक्त भी निकलता हैं लेकिन इसका रहस्य समझ से बाहर हैं।



यह मंदिर भी मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित हैं. इस मंदिर की खास बात यह हैं कि यहाँ भगवान् शिव कालभैरव के रूप में विद्यमान हैं और हर रोज़ उनकी आरती में जो भभूत चढ़ाई जाती हैं और वो भभूत भी उसी रोज़ जली चिता से लायी जाती हैं। इस बात के अलावा एक और दिलचस्प बात इस मंदिर की यह हैं कि यहाँ कालभैरव को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती हैं लेकिन इसके पीछे का रहस्य किसी को नहीं पता हैं।



महाराष्ट्र के नासिक के पास स्थित भगवान् शनिदेव का यह मंदिर लोगो को अपनी ओर हमेशा खींचता हैं। कहा जाता हैं कि इस मंदिर के आसपास बसे गाँव शिंगनापुर में आजतक कभी चोरी नहीं हुई और साथ ही इस गाँव में बने किसी भी घर में दरवाज़े नहीं लगे हैं और इस बात के पीछे रहस्य अभी रहस्य हैं।




भारत के दक्षिण में स्थित यह मंदिर कुमारी देवी का मंदिर हैं। यहाँ माता पार्वती की कन्या रूप में पूजा की जाती हैं। कहा जाता हैं कि एक समय इस स्थान पर कुमारी देवी का विवाह होने वाला था लेकिन किसी वजह से नहीं हो पाया था जिसके चलते भोजन के लिए लाये गए सारे दाल-चावल कंकड़ में बदल गए थे जो आज तक रेत के रूप में यहाँ मिलते हैं। इसके साथ यही एक ऐसा मंदिर जहाँ पुरुषों को कमर के ऊपर का वस्त्र पहने की मनाही हैं।

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मध्यप्रदेश में स्थित यह मंदिर चंदेल वंश द्वारा 900ई .के आसपास बनवाया गया था। इस मंदिर में की गयी कलाकृति पुरे कामशास्त्र का वर्णन करती हैं। लेकिन इस मंदिर की दीवारों में उकेरी गयी यह कृति के पीछे की वजह क्या थी, यह आज तक एक रहस्य के रूप में हैं।



12 ज्योतिर्लिंग में से एक सोमनाथ मंदिर हिन्दूधर्म के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक हैं। गुजरात के द्वारका में स्थित यह मंदिर यदुवंशियों का प्रतीक माना जाता हैं. कहते हैं कि इस मंदिर को अभी तक 17 बार नष्ट किया गया हैं लेकिन फिर कुछ दिनों में इसका निर्माण हो जाता हैं। मान्यता हैं कि श्रीकृष्ण अपनी मृत्यु के बाद यही से वैकुण्ठ गए थे।



कैलाश मानसरोवर में स्थित इस मंदिर में भगवान् शिव विराजमान हैं, इसे धरती का केंद्र माना जाता हैं। कहा जाता हैं कि पहले इस क्षेत्र को देवलोक कहा जाता था और आज भी भगवान् शिव का वाश इसी इलाके में हैं। लेकिन इस जगह का रहस्य यह हैं कि जो भगवान् शिव सभी लोगों के लिए महादेव हैं उनके रहने के स्थान पर सामान्य लोगो का रह पाना मुशिकल हैं। इस बात की वजह आज तक कोई नहीं समझ पाया हैं।