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एनएमसी का नया नियम, MBBS फर्स्ट ईयर में 4 बार फेल होने वाले छात्र होंगे कॉलेज से बाहर

Raipur News: छत्तीसगढ़ में चार अटेंप्ट के बाद भी एमबीबीएस प्रथम वर्ष पास नहीं करने वाले तीन छात्र सीधे कॉलेज से बाहर हो गए हैं।

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Students failing 4 times in MBBS first year out of college Raipur

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला

रायपुर पत्रिका @ पीलूराम साहू। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में चार अटेंप्ट के बाद भी एमबीबीएस प्रथम वर्ष पास नहीं करने वाले तीन छात्र सीधे कॉलेज से बाहर हो गए हैं। ये सभी छात्र 2019 बैच के हैं। जबकि 2020 बैच के एक छात्र को जीवनदान मिल गया। नेशनल मेडिकल कमीशन यानी एनएमसी ने कोरोना के कारण पढ़ाई प्रभावित होने का हवाला देते हुए छात्र को पांचवां अंटेंप्ट करने की अनुमति दी। छात्र पांचवें प्रयास में किसी तरह एमबीबीएस प्रथम वर्ष पास कर गया। वह सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा है। एनएमसी ने 2019 से नया नियम लागू किया है, जिसमें 4 अंटेंप्ट में प्रथम वर्ष पास नहीं करने वाले छात्र पढ़ाई आगे जारी नहीं रख सकते। जो छात्र कॉलेज से बाहर हुए हैं, उनमें दो छात्र राजनांदगांव कॉलेज के हैं।

वहीं रिम्स की एक छात्रा भी बाहर हुई है, जो छात्र पांचवें अंटेंप्ट के बाद पास हुआ, वह भी राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। हेल्थ साइंस विवि ने सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों से प्रथम वर्ष में लगातार फेल होने वाले छात्रों की जानकारी मंगाई थी। विवि के अधिकारियों के अनुसार अभी तक केवल चार छात्र लगातार फेल हो रहे थे। उनमें तीन कॉलेज से सीधे बाहर हो गए। वहीं एक ने पढ़ाई जारी रखा है।

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10 छात्र तीन अटेंप्ट में हो चुकेहैं फेल, चौथे प्रयास में पास

प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों से 10 छात्र ऐसे हैं, जो लगातार तीन अटेंप्ट में फेल हो चुके हैं। ये छात्र चौथे अटेंप्ट में पास हो गए हैं। ऐसे में कॉलेज से बाहर होने से बच गए हैं। पं. दीनदयाल हेल्थ साइंस एंड आयुष विवि ने सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के डीन को पत्र लिखकर लगातार फेल हो रहे छात्रों की काउंसिलिंग करने को भी कहा है। इससे छात्राें की परेशानी का पता चल सकेगा। उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाए, जिससे वे निराशा से उबर जाए और पढ़ाई पर पूरा फोकस कर सके।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला

इस साल फरवरी में फर्स्ट ईयर में लगातार 4 बार फेल हो चुके कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। छात्र पांचवीं बार परीक्षा में बैठने की अनुमति मांग रहे थे। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ नाराज हो गए थे। उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि हम किस तरह डॉक्टर बनने जा रहे हैं। दुनिया के दूसरे किसी देश में ऐसी अनुमति नहीं मिलने वाली है। दरअसल छात्रों के वकील ने जल्द सुनवाई की अपील की थी। इस पर सीजेआई नाराज हुए। उन्होंने कहा कि मेरिट के अनुसार उनके मामले की सुनवाई जरूर की जाएगी।

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एनएमसी के आदेश के बाद एमबीबीएस प्रथम वर्ष में लगातार चार बार फेल होने वाले छात्रों को कॉलेज से बाहर किया जा रहा है। फेल छात्रों की काउंसिलिंग भी कराई जा रही है। सभी छात्रों को फोकस होकर पढ़ाई करनी होगी, तभी वे पास हो पाएंगे। - डॉ. एके चंद्राकर, कुलपति हेल्थ साइंस विवि

टॉपिक एक्सपर्ट

जो छात्र फोकस होकर पढ़ाई करते हैं, वे ही नीट यूजी पास होकर एमबीबीएस में प्रवेश लेते हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई वैसे तो कठिन है, लेकिन कड़ी मेहनत से इसे पास किया जा सकता है। एनएमसी के नए नियम से अच्छे डॉक्टर निकलेंगे। - डॉ. सुनील खेमका, डायरेक्टर नारायणा अस्पताल

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