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SIR में BLO पर काम का पहाड़! तन–मन–धन लगाकर भी नहीं मिल रहा राहत, सूची में नाम खोजने उमड़ रही भीड़..

SIR Forms 2025: रायपुर में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के काम में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के काम-काज की जमीनी हकीकत जानने पत्रिका बुधवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में पहुंचा।

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SIR में BLO पर काम का पहाड़! तन–मन–धन लगाकर भी नहीं मिल रहा राहत, सूची में नाम खोजने उमड़ रही भीड़..(photo-patrika)

SIR में BLO पर काम का पहाड़! तन–मन–धन लगाकर भी नहीं मिल रहा राहत, सूची में नाम खोजने उमड़ रही भीड़..(photo-patrika)

SIR Forms 2025: छत्तीसगढ़ के रायपुर में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के काम में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के काम-काज की जमीनी हकीकत जानने पत्रिका बुधवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में पहुंचा। इस दौरान मिले कुछ बीएलओ ने नाम न छापने की शर्त पर परेशानी बताई। उन्होंने कहा कि सुबह से रात तक काम करना पड़ रहा है।

SIR Forms 2025: निर्वाचन आयोग का दावा

हम सरकारी अधिकारी हैं, लेकिन काम दर-दर भटकने का है। शासन-प्रशासन ने कोई सहयोगी स्टॉफ नहीं दिया। इस काम में तन, मन और धन तीनों खर्च हो रहा है। पेट्रोल-डीजल से लेकर मोबाइल फोन के लिए शासन-प्रशासन ने किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी है। दिनभर में 80-100 किमी. का औसत दौरा हो रहा है, वहीं रोजाना 150 से 200 लोगों को फोन पर जानकारी देनी पड़ रही है। शाम को काम खत्म करने के बाद डिजिटलाइजेशन में समय जा रहा है।

बीएलओ का कहना है कि वे इस कार्य से पीछे नहीं हट रहे हैं। यह जिमेदारी महत्वपूर्ण है, लेकिन समय-सीमा की कमी और अतिरिक्त दबाव, मैनपॉवर की कमी की वजह से देशभर में आत्महत्या या बीमारी से मौत जैसे घटनाएं हो रही हैं। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश, पं. बंगाल सहित देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम किया जा रहा है।

69 प्रतिशत फार्मों का डिजिटलाइजेशन पूरा

निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, प्रदेश में 69 प्रतिशत फार्मों का डिजिटलाइजेशन पूर्ण हो चुका है। 26 नवंबर तक प्रदेश में लगभग एक करोड़ 45 लाख से अधिक गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा किया जा चुका है, जो कुल दो करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 69 प्रतिशत है।

रात 11 बजे तक आते रहते हैं फोन कॉल्स

टाटीबंध की बीएलओ ने बताया कि सुबह 6 बजे उठना, घर का काम करना और 8 बजे से फील्ड में जाने का प्रेशर है। 8 बजे से लोगों के घर-घर जा रहे है, उसमें भी पहले से कॉल करके भी जाना पड़ता है क्योकि जॉब वाले 10 बजे के बाद निकल जाते है। दोपहर 2 बजे तक फील्ड में काम करके बूथ में बैठते है, वहां भी फॉर्म जमा करना और फॉर्म बांटने का प्रेशर है। रोज के सैकड़ों कॉल उठा रहे है, सुबह से रात 11 बजे तक यह सिलसिला चलते रहता है।

शाम को फिर यदि किसी का कॉल आता है तो उनके घर जाकर फॉर्म भरवा रहे हैं। क्योकि डर है कॉल को लेकर कोई शिकायत न कर दें। कई बार टिफिन लेकर जाते हैं, लेकिन समय नहीं मिलता है, जिन परिचितों के यहां जाते हैं, उनके ही कुछ खा लेते हैं। मतदाता रात 11 बजे तक फॉर्म भरने, त्रुटि ना हो करके पूछने और अगले दिन फॉर्म जमा करने को लेकर भी कॉॅल कर रहे हैं।

डिजिटलाइजेशन रायपुर जिले में

रायपुर जिले में गणना प्रपत्र के डिजिटलाइजेशन का कार्य तेजी से हो रहा है। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार अब तक जिले में 8,21,324 से ज्यादा फॉर्म संग्रह कर डिजिटलाइजेशन किए गए हैं। कोटा की बीएलओ ने कहा सभी की ड्यूटी सुबह 8 से रात 8 बजे तक है। लेकिन हमारी ड्यूटी 24 घंटे की हो गई है, क्योकि मतदाता हर चीजों के लिए रात तक कॉल करते है और हमारी मजबूरी और जिम्मेदारी दोनों है कि हमको कॉल उठाना पड़ता है।

सुबह से ड्यूटी वालों के घर चले जाते है, फिर दोपहर के समय एक जगह रुककर जो कॉल करते है, उनको वहां बुलाकर फॉर्म जमा करना और त्रुटि समेत अन्य काम करवा रहे हैं। यह पूरा काम करते करते रात के 8 बज जाते है, स्थिति यह है कि खाने का समय भी नहीं है। घर जाते रात तक 150 से 200 कॉल आ जाते हैं।