
एक बिस्तर पर दो प्रसूताओं को रखने पर हाईकोर्ट का संज्ञान, कहा- यह मातृ स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़...(photo-patrika)
CG High Court: छत्तीसगढ़ में आंबेडकर अस्पताल रायपुर में एक बिस्तर पर दो प्रसूताओं को रखने के मामले में हाईकोर्ट ने स्थिति न सुधर पाने पर गहरा असंतोष जताया। गुरुवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सीजीएमएससी और प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को नया शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं।
पूर्व छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की स्थिति पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई थी। 150 बिस्तर वाले गायनी वार्ड में गत 29 अक्टूबर को बेड फुल हो गए थे। इसके चलते वार्ड नंबर 5 और 6 में एक-एक बेड पर दो-दो प्रसूताओं को रखा गया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस खबर को संज्ञान में लेकर सुनवाई शुरू की।
कोर्ट ने कहा कि,एक बेड पर दो प्रसूताओं को रखना बेहद खराब स्थिति है। प्रसूताओं की गोपनीयता, स्वच्छता और गरिमा की रक्षा जरूरी है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र पर जवाब मांगा था। वहीं अस्पतालों में जांच किट और रीएजेंट की कमी पर सीजीएमएससी के एमडी को जवाब देने के निर्देश दिए थे।
गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने रायपुर के अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल में गायनेकोलॉजी वार्ड में स्थिति अब भी नहीं सुधरने पर कहा कि, इतने महत्वपूर्ण वार्ड को उपेक्षित छोड़ दिया गया है। नवजात शिशुओं और माताओं को इस वजह से संक्रमण हो सकता है जो सभी ओर फैलने का खतरा भी है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही साफ़ दिखाई दे रही है। कोर्ट ने स्थिति सुधारने के लिए किए गए कार्यों की रिपोर्ट के साथ नया शपथपत्र देने के निर्देश दिए।
Updated on:
07 Nov 2025 09:06 am
Published on:
07 Nov 2025 09:05 am
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