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CG Fraud: गूगल में एटीएम कार्ड बनाने का खोज रहे थे तरीका, मिल गए साइबर ठग, 9 लाख रुपए हुए पार

CG Fraud: रायपुर के सिविल लाइन इलाके में एक व्यक्ति गूगल में एटीएम कार्ड बनवाने का तरीका पता कर रहे थे। इस दौरान उन्हें साइबर ठग मिल गए और एटीएम कार्ड बनवा कर देने का झांसा देकर उनके बैँक खाते से 9 लाख रुपए पार कर दिए।

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CG Fraud: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में सोशल मीडिया से लेकर इंटरनेट के सर्च इंजन तक में साइबर ठगों की घुसपैठ है। लोगों को ऑनलाइन ठगने के लिए हर तरीके अपना रहे हैं। सिविल लाइन इलाके में एक व्यक्ति गूगल में एटीएम कार्ड बनवाने का तरीका पता कर रहे थे। इस दौरान उन्हें साइबर ठग मिल गए और एटीएम कार्ड बनवा कर देने का झांसा देकर उनके बैँक खाते से 9 लाख रुपए पार कर दिए। इसकी शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।

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CG Fraud: बैंक खाते से 9 लाख रुपए हुए पार

पुलिस के मुताबिक एक्सप्रेस वे के पहले शंकर नगर निवासी संजय साहनी गूगल में 9 सितंबर को एटीएम कार्ड बनवाने की जानकारी सर्च कर रहे थे। इस दौरान एक वेबसाइट में गए। इसके बाद उसमें दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल किया। दूसरी ओर से कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को आकाश वर्मा बताया। इसके बाद उन्हें एसबीआई का एटीएम कार्ड बनवाने का झांसा दिया। इस दौरान उन्हें एक इंटरनेट लिंक भेजा।

वहीँ लिंक ओपन करते ही उसमें कुछ जानकारियां भरने के लिए कहा गया। इसके बाद संजय से एटीएम कार्ड का नंबर पूछा गया। उन्होंने ने इसकी जानकारी दे दी। इसके कुछ देर बाद उनके बैंक खाते से 9 लाख रुपए पार हो गए। अज्ञात साइबर ठगों ने उनके बैंक खाते से रकम का आहरण कर लिया। इसकी शिकायत उन्होंने सिविल लाइन थाने में की। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया।

फर्जी वेबसाइट का जाल

साइबर ठगों ने कई फर्जी वेबसाइट बना लिया है। ये वेबसाइट आम लोगों से जुड़ी चीजों से संबंधित हैं। बैंकिंग, गैस एजेंसी, ऑनलाइन भुगतान, खरीदी-बिक्री आदि से जुड़ी कई फर्जी वेबसाइटें बना रखी हैं। इन वेबसाइटों में अपने मोबाइल नंबर दे रखे हैं। जैसे लोग इन वेबसाइट में जाते हैं और इन नंबरों पर कॉल करते हैं, तो ठग उन्हें झांसा देकर रकम पार कर देते हैं। सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है, लेकिन अब तक जिन मोबाइल नंबरों से पीड़ित से ठगी हुई है, उसके धारकों का पता नहीं लगा पाई है। साथ ही कितन खातों में ठगी का पैसा गया है और वे खाते किन शहरों में है? इसका भी अब तक कुछ पता नहीं लगा पाई है।