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जंगल सफारी में नहीं देखने मिलेगा सफेद भालू! CGDA ने नहीं दी मंजूरी, जानें पूरा मामला..

CG News: रायपुर में जंगल सफारी में पर्यटकों को सफेद भालू देखने का सपना फिलहाल टूट गया है। सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजीडीए) ने सफेद भालू को पर्यटकों के सामने लाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

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जंगल सफारी में नहीं मिलेगा सफेद भालू! CGDA ने नहीं दी मंजूरी, जानें पूरा मामला..

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में जंगल सफारी में पर्यटकों को सफेद भालू देखने का सपना फिलहाल टूट गया है। सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजीडीए) ने सफेद भालू को पर्यटकों के सामने लाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। वर्ष 2023 में वन विभाग ने

सफेद भालू के 2 शावकों को मरवाही और बैकुंठपुर चिरमिरी के जंगलों में अलग-अलग समय में लावारिस हालत में मिला था। इन शावकों को बचाया गया और नंदनवन जंगल सफारी जू में लाया गया, जहां उनकी स्वास्थ्य जांच की गई और इलाज किया गया। इन शावकों की उम्र अब करीब दो साल हो चुकी है, वे अब स्वस्थ हैं।

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CG News: मांगी थी अनुमति

वन विभाग ने सीजीडीए से इन सफेद भालुओं को पर्यटकों के सामने लाने की अनुमति मांगी थी। जू में इन शावकों के लिए एक विशेष बाड़ा तैयार किया गया था, जिसमें इन भालुओं को रखा जाना था, ताकि पर्यटक उन्हें देख सकें। जंगल सफारी के संचालक धमशील गणवीर ने भी कहा कि हमने अभी तक सफेद भालू को पर्यटकों के लिए खोलने का निर्णय नहीं लिया है। हमें सीजीडीए से अनुमति नहीं मिली है।

क्या है अगला कदम?

सफेद भालू पर्यटकों के लिए प्रदर्शित करने का निर्णय सीजीडीए से मंजूरी मिलने के बाद ही लिया जाएगा। वन विभाग और जंगल सफारी की टीम अब सफेद भालू के लिए पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उनकी देखभाल करने की योजना बना रही है। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में सीजीडीए के नियमों के तहत सफेद भालू को पर्यटकों के सामने लाने की अनुमति मिलती है या नहीं।

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वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देश में सफेद भालू पिंजरे में कभी नहीं रहे हैं और यह पहली बार होगा जब सफेद भालू पिंजरे में पर्यटकों के लिए प्रदर्शित किए जाएंगे। इन भालुओं को देखने से नवा रायपुर के जू का आकर्षण भी बढ़ सकता था, लेकिन सीजीडीए की मंजूरी न मिलने से यह सपना फिलहाल टल गया है।

बाकि राज्यों में ऐसे प्राणी, जो घायल या भटकते हुए पाए जाते हैं, उन्हें ठीक होने के बाद जंगल में छोड़ना चाहिए न कि उन्हें जू में कैद करके रखा जाए। यही कारण है कि सीजीडीए ने सफेद भालू के जू में रखने पर रोक लगाई है।