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लाल सलाम कामरेड हिड़मा… युवा कांग्रेस नेता प्रीति मांझी के पोस्ट से मचा बवाल, बोली- गलत मतलब निकाला गया

Political News: खूंखार नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की मौत के बाद युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सह सचिव प्रीति मांझी ने उसके समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा - लाल सलाम कामरेड हिड़मा।

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लाल सलाम कामरेड हिड़मा (photo- patrika)

लाल सलाम कामरेड हिड़मा (photo- patrika)

CG Political News: छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर हुए मुठभेड़ में मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे के मारे जाने के बाद उन्हें उनके गांव पूवर्ती में अंतिम संस्कार किया गया। इसी बीच रायपुर में युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सह सचिव प्रीति मांझी द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई एक स्टोरी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

“लाल सलाम कामरेड हिड़मा” - वायरल हुई पोस्ट ने बढ़ाई राजनीतिक सिरदर्दी

जानकारी के अनुसार, हिड़मा की मौत के बाद प्रीति मांझी ने अपनी सोशल मीडिया स्टोरी पर लिखा- “लाल सलाम कामरेड हिड़मा”। पोस्ट देखते ही वायरल हो गई और लोगों ने तीखे सवाल उठाने शुरू कर दिए। बढ़ते विवाद को देखते हुए स्टोरी कुछ ही देर में हटा ली गई, लेकिन उसका स्क्रीनशॉट तेजी से सोशल मीडिया पर फैल चुका था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी को भी कटघरे में खड़ा किया जाने लगा कि आखिर एक खतरनाक नक्सली के लिए ऐसी प्रतिक्रिया क्यों?

CG Political News: कांग्रेस ने कही ये बात

विवाद तूल पकड़ने पर कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने स्पष्ट किया कि हिड़मा कानून और पार्टी दोनों की नजर में एक खूंखार हत्यारा था। उन्होंने कहा कि झीरम घाटी कांड में हिड़मा की भूमिका बताई जाती है, जिसमें पार्टी ने अपनी पूरी पीढ़ी खो दी। ऐसे व्यक्ति के प्रति कांग्रेस की कोई सहानुभूति नहीं हो सकती। जो पोस्ट किया गया है, वह व्यक्तिगत राय हो सकती है, पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है।

प्रीति मांझी बोली- पोस्ट नहीं स्टोरी डाली…

लगातार बढ़ते आलोचनाओं के बीच प्रीति मांझी ने बयान जारी कर कहा कि उनकी स्टोरी को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य किसी नक्सली या हिंसक गतिविधि का समर्थन करना नहीं था, बल्कि आदिवासी इलाकों के संघर्ष और वहां के हालात की ओर ध्यान आकर्षित करना था। मांझी ने आगे कहा, "मैं गांधीवादी विचारधारा की हूं, संविधान का समर्थन करती हूं और नक्सलियों का पुरजोर विरोध करती हूं। छत्तीसगढ़ की बेटी होने के नाते मेरा व्यक्तिगत मत है कि नक्सली ज्यादा से ज्यादा आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में आएं।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्टोरी में उपयोग किया गया कंटेंट एक AI-जनरेटेड क्लिप था, जिसे उन्होंने सीधे तौर पर पोस्ट नहीं किया था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं, तो सरकार के साथ कांग्रेस पार्टी भी उनके मुख्यधारा में आने का समर्थन करती है।

विवाद थमता नजर नहीं आ रहा

हालांकि मांझी की सफाई के बाद भी सोशल मीडिया पर सवाल कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जिस हिड़मा पर दर्जनों बड़े नक्सली हमलों का आरोप है, उसके प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति क्यों दिखाई गई? फिलहाल पार्टी ने खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है और इसे व्यक्तिगत पोस्ट बताते हुए मामला शांत करने की कोशिश की है, मगर राजनीतिक गलियारों में यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है।