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Shivraj Singh Chauhan: छठी बार सांसद बनने शिवराज ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर, क्या बनेगा रिकॉर्ड?

election results 2024: मध्यप्रदेश में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के विदिशा चुनाव पर भी सभी की निगाह लगी हुई है...। मामा नाम से चर्चित शिवराज यदि ज्यादा अंतर से चुनाव जीत जाते हैं तो इसे अलग नजरिए से देखा जाएगा...।

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shivraj singh chauhan

Shivraj Singh Chauhan: कभी सट्टा बाजार के दावे तो कभी एग्जिट पोल का अनुमान। यह महज अनुमान ही है, लेकिन हकीकत 4 जून को सामने आ जाएगी। चुनाव का रिजल्ट (election results 2024) आने में कुछ ही घंटों का समय बाकी रह गया है। सभी की धड़कने बढ़ाने वाले इस चुनाव में क्या होगा, यह मंगलवार को सुबह 10.30 बजे आने वाले रुझानों से पता चल जाएगा। यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि मध्यप्रदेश के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है।

पूरे ही प्रदेश में मतगणना के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वहीं राजनीतिक दलों में भी बैचेनी बढऩे लगी है। विशेषकर भाजपा में, जिसके नेताओं और विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा से पांच बार सांसद रहे शिवराज सिंह चौहान ( shivraj singh chauhan ) को छठवीं बार सांसद बनाने की होड़ में एड़ी चोटी का जोर लगाया है। इसलिए कि पूर्व मुख्यमंत्री चौहान की जीत हो तो, उसमें सबसे बड़े योगदान में उनकी चर्चा हो। इस चुनाव से भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेताओं के कद की परीक्षा होगी। हालांकि विदिशा संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन यहां जीत से ज्यादा चर्चा जीत में योगदान की होगी। नेताओं को पार्टी से शिवराज के सामने अपना कद बड़ा करने की होड़ है।

शिवराज सिंह के सामने कांग्रेस के प्रताप भानु

विदिशा संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को मुकाबले के लिए खड़ा किया है। प्रताप भानु को ब्राह्मण वोटरों से उम्मीद है। वहीं शिवराज सिंह चौहान को लाडली बहनों का सहारा है। विदिशा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत रायसेन, सीहोर के कुछ क्षेत्र भी आते हैं।

विदिशा संसदीय क्षेत्र ( vidisha lok sabha election ) में इस बार 74.05 प्रतिशत मतदान रहा। अमूमन 70 प्रतिशत या इससे अधिक मतदान को भाजपा के पक्ष में माना जाता है। इसलिए भाजपाई जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। चुनाव प्रचार के दौरान और बाद में भी जीत-हार के अंतर को लेकर ही चर्चाएं रही हैं। इसी के साथ नेताओं और विधायकों के क्षेत्रों में पार्टी की लीड महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

इनकी अपनी चिंता चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर नेताओं ने दल बदले। प्रमुख रूप से कांग्रेस छोड़ भाजपा (bjp) में आए नेताओं की संख्या ज्यादा रही। इनमें कई नामी नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और विदिशा से बीती विधानसभा में विधायक रहे शशांक भार्गव प्रमुख नाम हैं। चुनाव परिणाम को लेकर इनकी भी अपनी चिंता है। कारण कि एक मजबूत प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार और उसकी जीत में इनके योगदान की गिनती कितनी होगी। इसलिए कि पहले ही सुरेश पचौरी के भोजपुर और शशांक भार्गव के विदिशा क्षेत्र में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थीं। शशांक भार्गव खुद कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर हारे थे, जबकि पचौरी इससे पहले के दो चुनाव हारे थे। बहरहाल लोकसभा चुनाव परिणाम (election results) के साथ दलबदल करने वाले नेताओं के कद भी तय होंगे।

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शिवराज सिंह चौहान ने संभाली बागडोर

चुनाव के दौरान पूर्व सीएम चौहान ने पूरे समय प्रचार की बागडोर अपने हाथ में रखी। वे लगातार क्षेत्र में भ्रमण पर रहे और गांव-गांव सभाएं की। यही कारण रहा कि पार्टी के नेता और जनप्रतिनिधि भी साथ में लगे रहे, ताकि उनका चेहरा सामने बना रहे। संसदीय क्षेत्र में शामिल जिले की तीन विधानसभाओं में से दो विधायकों के साथ विदिशा, सीहोर जिले के विधायकों की साख चुनाव में तथा विधानसभा चुनाव में उन्हें मिले वोटों से तुलना पर निर्भर करेगी।

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