
Rajgarh News : मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में इस साल बीते कई सालों के मुकाबले तेज गर्मी पड़ी है, इसलिए जमीन में अभी भी गर्मी के भपके निकल रहे हैं। शुरुआती बारिश होने के साथ कुछ समय मौसम ठंडा रहता है, लेकिन बाद में उमस और इससे घुटन जैसी समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में हार्ट, सांस और फेफड़ों की बीमारी के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। ऑक्सीजन लेवल कम होने से ऐसे मरीजों के लिए खतरा इन दिनों बढ़ जाता है।
-अगर बीपी के पेशेंट है तो आप सुबह 5 बजे या 7 बजे की जगह अपने घूमने का समय 9 के बाद का निर्धारित कर लें और घूमना ही है तो घर के अंदर ही सुबह टहले। क्योंकि अधिकांश हार्ट अटैक सुबह के समय आते हैं।
-किसी को हार्ट संबंधी बीमारी है या सांस लेने में तकलीफ होती है तो वो अपनी जांच समय समय पर करते रहें, क्योंकि ध्यान न देने के कारण ऐसे मौसम में समस्या बढ़ जाती।
-खून पतला करने की गोली यदि किसी की चल रही है तो वह अपने मन से बंद ना करें डॉक्टर की सलाह लें और जांच भी कराएं।
-परिवार में यदि किसी को हार्ट अटैक आया है, जिससे माता या पिता तो उनसे जुड़े हुए बच्चे भी विशेष तौर पर इस मौसम में अपना ध्यान रखें।
-ब्रॉड बेड फरो में सीड प्लेसमेंट के लिए एडजेस्टमेंट की सुविधा दी गई होती है। इस मशीन का उपयोग प्रदाय किए गए फरो ओपनर को जोड़कर और हटाकर खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए किया जा सकता है।
-इस मशीन से पंक्ति से पंक्ति की दूरी एडजेस्ट की जा सकती है। ब्रॉड बेड फरो से बने चैनलों या नाली के जरिये आसानी से सिंचाई की जा सकती है।
-रबी फसलों में उपयोग के लिए मशीन के साथ अतिरिक्त 5 टाइन उपलब्ध कराए जाते हैं। ब्रॉड बेड फरो में बोए गए बीजों को मिट्टी से एक साथ ढंकने की सुविधा होती है।
-ब्रॉड बेड फरो में 5 फरो ओपनरों के साथ 4 अतिरिक्त फरो ओपनर का प्रावधान है। इस तकनीक के उपयोग से फसल उत्पादन में 14.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है।
राजगढ़. 18-19 जून से मानसून आने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में यह पानी खेतों में बोवनी के तैयारी के लिए किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। पानी गिरने के साथ ही खेतों में हकाई करने का काम भी शुरू हो गया है। इस बार अच्छी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। किसान पहले से ही मौसम विज्ञान को द्वारा दी जा रही जानकारी को लेकर खुश हैं। उन्होंने अपने खेतों में बोबनी की तैयारी कर ली है।
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास हरीश मालवीय द्वारा जिले में जहां हल्की एवं मध्यम काली मिट्टी वाले क्षेत्र है। वहां पर कृषकों को ब्रॉड बेड फरो (बीबीएफ) या चौड़ी क्यारी और नाली पद्धति से बुआई की जाना चाहिए। क्योंकि ब्रॉड बेड फरो को मूल रूप से सोयाबीन के खेतों में पानी की समस्या से निपटने के लिए विकसित किया गया है। मिट्टी की नमी का प्रबंधन वर्षा के पानी का मिट्टी में रिसाव तथा नमी अवधारणा को बढ़ाकर एवं पानी के बहाव तथा मृदा अपरदन को कम करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इस प्रकार बीबीएफ से गहरी नाली बनाकर अधिकतम जल निकासी की जाती है तथा कम वर्षा पर गहरी नाली नमी का संरक्षण करती है। इससे हानिकारक प्रभाव कम हो जाते है।
Updated on:
14 Jun 2024 11:46 am
Published on:
14 Jun 2024 11:45 am
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