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1 लाख रुपए की मांगी थी रिश्वत
जानकारी के अनुसार मामला कुछ दिन पुराना है, जब खाद्य निरीक्षक सुनील वर्मा ने नरसिंहगढ़ में अपनी जॉइनिंग दी और आने के साथ ही कई दुकानदारों को धमकाना शुरू कर दिया। बता दें कि इससे पहले जो खाद्य निरीक्षक थे। उन्होंने कोविड-19 को देखते हुए ऑफ लाइन राशन का वितरण करने की अनुमति दी थी। ताकि कोविड-19 में उपभोक्ताओं के बीच संक्रमण न फैले। यह आदेश किसी तरह लिखित में नहीं था। इसी का फायदा उठाते हुए रिश्वतखोर खाद्य निरीक्षक सुनील वर्मा ने दुकानदार को धमकाते हुए दुकान को निरस्त करने की चेतावनी दी। ऐसे में राशन दुकानदार सोनू गुप्ता ने कहा कि हमारी दुकान कैसे बचेगी। इस पर 1 लाख की रिश्वत की मांग की गई। मामला 75000 में तय हुआ।
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पहले कंप्यूटर ऑपरेटर फिर फूड इंस्पेक्टर को पकड़ा
दुकानदार सोनू गुप्ता ने 20 हजार रुपए 20 जुलाई को दिए और इस तरह की पूरी जानकारी लोकायुक्त पुलिस को उपलब्ध कराई। बाद में लोकायुक्त पुलिस शुक्रवार को नरसिंहगढ़ पहुंची यहां पहले यह राशि कंप्यूटर ऑपरेटर अजय यादव को दी गई। अजय यादव ने यह राशि ली तो लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया। जिसके बाद अजय यादव ने बताया कि वह तो खाद्य निरीक्षक सुनील वर्मा के कहने पर यह सब कर रहे हैं। ऐसे में कंप्यूटर ऑपरेटर को लेकर भोपाल से आई लोकायुक्त पुलिस की टीम रेस्ट हाउस पहुंची। जहां पिछले कई दिनों से खाद्य निरीक्षक सुनील वर्मा रह रहे थे। जैसे ही कंप्यूटर ऑपरेटर ने 40 हजार रुपए की राशि सुनील वर्मा को दी तो लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस की अधिकारी नीलम पटवा ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि खाद्यान्न वितरण के दौरान गड़बड़ी बताते हुए दुकानदार सोनू गुप्ता से 1 लाख की मांग की जा रही थी। जिसकी जानकारी सोनू ने लोकायुक्त पुलिस को दी थी उसकी शिकायत की जांच करने पर शिकायत सही पाई गई और कंप्यूटर ऑपरेटर व खाद्य निरीक्षक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।
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