8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में शिक्षा विभाग में रिश्वत का खेल, क्लर्क-टीचर की जोड़ी पकड़ाई

MP NEWS: बीआरसी का बाबू व एक निजी स्कूल का टीचर 4 हजार रूपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त के हत्थे चढ़े..।

2 min read
Google source verification
RAJGARH NEWS

MP NEWS: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का है जहां शिक्षा विभाग में चल रहे रिश्वत के खेल का खुलासा हुआ है। राजगढ़ जिले के सारंगपुर में बीआरसी के बाबू व एक निजी स्कूल के टीचर को भोपाल लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।

शिक्षा विभाग में रिश्वत का खेल

राजगढ़ के सारंगपुर में मंगलवार को भोपाल लोकायुक्त की टीम ने बीआरसी के बाबू हेमंत दांगी और एक प्राइवेट स्कूल के टीचर रमेशचंद्र नागर को 4 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है। रिश्वतखोर बाबू ने डीपीसी के नाम पर मां सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल करौंदी के संचालक सूरज सिंह तोमर से आरटीई की राशि के बदले 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी पहली किस्त के तौर 4 हजार रुपए देना तय हुआ था। स्कूल संचालक ने भोपाल लोकायुक्त से मामले की शिकायत की थी और शिकायत जांच में सही पाए जाने पर लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को रिश्वतखोर बाबू को ट्रैप किया।


यह भी पढ़ें- एमपी में 5 लाख 90 हजार रूपए की रिश्वत लेते पकड़ाया सरकारी बाबू

रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ाया


मंगलवार को स्कूल संचालक सूरज सिंह तोमर को रिश्वत के चार हजार रुपए लेकर लोकायुक्त टीम ने रिश्वतखोर बाबू हेमंत दांगी के पास भेजा। स्कूल संचालक ने पहले रिश्वत के रूपए बाबू हेमंत को दिए और हेमंत ने रूपए प्राइवेट स्कूल के टीचर रमेश चंद्र नागर को दिए थे। दोनों को रिश्वत के रूपयों के साथ रंगेहाथों पकड़ा गया है। लोकायुक्त इंस्पेक्टर रेणु तिवारी ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब परिवार के बच्चों का एडमिशन होता है। जिसकी प्रतिपूर्ति शासन स्तर पर होती है। उक्त राशि के भुगतान के लिए बीआरसी और डीपीसी के माध्यम से होता है। स्कूल संचालक से इसी राशि के भुगतान के एवज में रिश्वत मांगी गई थी।


यह भी पढ़ें- एमपी से गुजरे इस बड़े एक्सप्रेस-वे पर खतरनाक है सफर, 25 किमी. का है 'डेंजर जोन'